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रांची : आज हट जायेगा बालू घाटों से उत्खनन पर लगा प्रतिबंध

एनजीटी के आदेश पर प्रतिबंध लगा हुआ था रोक हटने से लगेगी कालाबाजारी पर लगाम रांची : राज्य के बालू घाटों से बालू के उत्खनन पर लगी रोक 16 अक्तूबर से हट जायेगी. एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश पर बरसात के मौसम में झारखंड में 15 जून से 15 अक्तूबर तक बालू घाटों से […]

एनजीटी के आदेश पर प्रतिबंध लगा हुआ था
रोक हटने से लगेगी कालाबाजारी पर लगाम
रांची : राज्य के बालू घाटों से बालू के उत्खनन पर लगी रोक 16 अक्तूबर से हट जायेगी. एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश पर बरसात के मौसम में झारखंड में 15 जून से 15 अक्तूबर तक बालू घाटों से उत्खनन पर रोक रहती है. इसके पूर्व ही स्टॉकिस्ट द्वारा बालू का स्टॉक कर लिया जाता है, जिसे बाजार में प्रतिबंध के दौरान बेचा जाता है. हालांकि इस दौरान बालू की दर 2500 प्रति ट्रक से बढ़ कर 4200 रुपये प्रति ट्रक तक हो गयी थी. बालू की कालाबाजारी शुरू हो गयी थी. एक बालू व्यवसायी ने बताया कि 16 अक्तूबर के बाद से उम्मीद है कि पुरानी दर पर बालू की बिक्री होने लगेगी, क्योंकि तब बालू की कालाबाजारी नहीं होगी.
मई में रेट था 2500 रुपये प्रति ट्रक, अभी है 3500 से 4200 रुपये प्रति ट्रक
रांची शहर में मई के अंत तक बालू की दर 2500 रुपये प्रति ट्रक थी. स्टॉक के लिए डीलरों को लाइसेंस मिलते ही बालू की दरों में वृद्धि होने लगी. जून के पहले सप्ताह में तीन हजार रुपये प्रति ट्रक दर हो गयी थी. फिर 15 जून के ठीक पहले तक दर 3500 रुपये प्रति ट्रक थी. 15 जून को जैसे ही एनजीटी के आदेश से बालू उत्खनन पर रोक लगी, दर में मनमाने तरीके से बढ़ोतरी कर दी गयी. कहीं 4000 रुपये, तो कहीं 4200 रुपये प्रति ट्रक की दर से बालू मिल रहा था. 15 अक्तूबर को भी 3500 से 4200 रुपये प्रति ट्रक तक बालू की बिक्री हो रही थी.
सरकारी दर है 400 रुपये प्रति सौ सीएफटी
झारखंड सरकार द्वारा जो बालू की दर निर्धारित की गयी है, उसके अनुसार सौ सीएफटी की दर 400 रुपये है. एक टर्बो 709 ट्रक में 130 सीएफटी बालू की क्षमता है. इसके भाड़ा आदि खर्च जोड़कर दर करीब 2200 से 2500 रुपये तक ही आती है. बालू की कालाबाजारी न हो, इसके लिए सरकार ने डीलरों को स्टॉक लाइसेंस दिया था, इसके बावजूद बालू की कालाबाजारी होती रही.
जेएसएमडीसी के बालू घाटों को नहीं मिला सीटीओ
झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(जेएसएमडीसी) को सरकार ने बड़े बालू घाट सौंप दिये हैं. जेएसएमडीसी ने खूंटी और गढ़वा के बालू घाटों के लिए प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के पास कंसेंट टू अॉपरेट(सीटीओ) के लिए आवेदन दिया है. पर अभी तक सीटीओ नहीं मिला है. इस कारण इन बालू घाटों से उत्खनन नहीं हो सकता है.
क्या कहते हैं खान निदेशक
खान निदेशक जीशान कमर ने बताया कि बालू घाटों से 16 अक्तूबर को प्रतिबंध हट जायेगा. सभी खनन पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जिन बालू घाटों का लाइसेंस मिल चुका है, उन्हें शुरू करायें. दर पर भी नियंत्रण रखने का निर्देश दिया गया है, ताकि लोगों को कम से कम दर पर बालू मिल सके.

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