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‘मेरे अपने’ सेवक बनेंगे रिम्स में लावारिस मरीजों का सहारा
राजीव पांडेय, रांची : सामाजिक संस्था ‘मेरे अपने’ ने लावारिस और बिना परिजन के रहनेवाले मरीजों की देखभाल का जिम्मा लेने का प्रस्ताव रिम्स प्रबंधन को दिया है. प्रबंधन ने इस पर सहमति दे दी है. संस्था ने महिला मरीजों की सेवा के लिए सेवक के रूप में युवतियों और पुरुष मरीजों की सेवा के […]
राजीव पांडेय, रांची : सामाजिक संस्था ‘मेरे अपने’ ने लावारिस और बिना परिजन के रहनेवाले मरीजों की देखभाल का जिम्मा लेने का प्रस्ताव रिम्स प्रबंधन को दिया है. प्रबंधन ने इस पर सहमति दे दी है. संस्था ने महिला मरीजों की सेवा के लिए सेवक के रूप में युवतियों और पुरुष मरीजों की सेवा के लिए युवकों को नियुक्त करने की योजना बनायी है. ये सेवक आठ घंटों तक मरीजों को अपनी सेवा देंगे. उम्मीद है कि सोमवार से यह व्यवस्था शुरू हो जायेगी.
अक्सर यह शिकायतें आती हैं कि राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में लावारिस मरीजों की बेहतर तरीके से देखभाल नहीं होती है. इसी के मद्देनजर सामाजिक संस्था ‘मेरे अपने’ ने ऐसे मरीजों की देखभाल का जिम्मा उठाने का फैसला किया है. संस्था की ओर से इस काम के लिए फिलहाल दो सेवक रखे गये हैं. भविष्य में सेवकों की संख्या बढ़ायी जायेगी.
ये सेवक सुबह 10 बजे से शाम छह बजे लावारिस मरीजों को खाना खिलायेंगे, उनकी जांच रिपोर्ट लायेंगे और दवा की व्यवस्था के लिए रिम्स अधिकारियों को जानकारी देंगे. वार्ड मेें किसी प्रकार की समस्या होने पर वे यूनिट इंचार्ज को जानकारी देंगे. इसके अलावा ये लोग अधीक्षक को प्रतिदिन लावारिस मरीजों की जानकारी देंगे.
सोमवार से शुरू हो जायेगी व्यवस्था
रिम्स में भर्ती लावारिस मरीजों की आठ घंटे तक देखभाल करेंगे संस्था के सेवक
महिला मरीजों के लिए युवती और पुरुष मरीजों के लिए युवक नियुक्त किये गये
लावारिस मरीजों के इलाज में काफी परेशानी होती है. ‘मेरे अपने’ सहयोग करने का सराहनीय प्रयास कर रहा है. दो सेवक को तत्काल दिये गये हैं. संस्था ने सेवकों की संख्या बढ़ाने की बात कही है.
डॉ विवेक कश्यप, अधीक्षक, रिम्स
न्यूरो सर्जरी और हड्डी विभाग में ज्यादा जरूरत
संस्था के सेवकों की सबसे ज्यादा जरूरत न्यूरो सर्जरी और हड्डी विभाग में पड़ेगी. अक्सर यह देखा जाता है कि सड़क दुर्घटना में घायल को पुलिस रिम्स में लाकर भर्ती करा देती है, लेकिन परिजन नहीं होने के कारण सही तरीके से उनकी देखभाल नहीं हो पाती है.
यूनिट इंचार्ज को हर दिन देनी है मरीजों की सूचना
रिम्स प्रबंधन ने विभागाध्यक्षों व यूनिट इंचार्जों को लावारिस मरीजों की सूचना प्रतिदिन देने का निर्देश दिया है, ताकि संस्था के सेवकों को ऐसे मरीजों के पास भेजा जा सकेगा. लेकिन अधीक्षक के पास अभी तक किसी भी यूनिट इंचार्ज ने कोई जानकारी नहीं दी है.
निदेशक और अधीक्षक ने किया लांड्री का निरीक्षण
रांची. रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव और अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने शुक्रवार को अस्पताल में संचालित सेंट्रालाइज्ड मेकेनाइज्ड लांड्री का निरीक्षण किया. लांड्री के लिए लिफ्ट भी तैयार हो गयी है, जो जल्द शुरू होग. इससे सुपरस्पेशयलिटी बिल्डिंग व पुरानी बिल्डिंग में लांड्री में साफ किये गये कपड़ा को आसानी से पहुंचाया जा सकेगा.
न्यूरो सर्जरी में भर्ती अशोक चौहान की हुई मौत
रांची. दुमका निवासी अशोक चौहान की शुक्रवार शाम 6:30 बजे मौत हो गयी. उनका इलाज न्यूरो सर्जन विभाग में डाॅ सीबी सहाय की देखरेख में चल रहा था. उनके स्पाइन की सर्जरी पांच अक्तूबर को डॉ सीबी सहाय ने की थी. उसके बाद कुछ दिन के लिए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. शुक्रवार को अचानक उनकी तबीयत खराब हो गयी और अंत में उनकी मौत हो गयी.
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