रांचीः राज्य के 7.81 लाख बीपीएल परिवारों को अब तक बिजली का कनेक्शन नहीं मिला सका है. राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाइ) के तहत इन्हें कनेक्शन दिया जाना था. पर योजना पूरी नहीं होने के कारण बिजली बोर्ड ने रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन (आरइसी) से 50.96 करोड़ रुपये की मांग ही नहीं की है. बोर्ड ने आरइसी से मिले 278.90 करोड़ रुपये को बैंक में रख कर 10.76 करोड़ रुपये सूद कमाये. सूद से मिली राशि को विद्युतीकरण योजना पर खर्च ही नहीं किया. गड़बड़ी पकड़ में आने पर प्रधान महालेखाकार (पीएजी) ने इस मामले में सरकार से पक्ष जानना चाहा है.
सभी बीपीएल परिवारों को देना था कनेक्शन : पीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, आरजीजीवीवाइ के तहत सभी बीपीएल परिवारों को बिजली का कनेक्शन देना था. 2001 की जनगणना के अनुसार राज्य में बीपीएल परिवारों की संख्या 24,26,120 थी. इनमें 1,85,511 परिवारों को बिजली कनेक्शन पहले ही दिया जा चुका था. शेष 22,40,609 बीपीएल परिवारों में से 17,41,558 को 2008 तक बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना बनायी गयी थी. इसके लिए होनेवाले खर्च की भरपाई आरइसी को करनी थी. नियमानुसार अनुमानित खर्च का 50 प्रतिशत अग्रिम और 50 फीसदी योजना पूरी होने के बाद मिलना था.
बिजली बोर्ड ने बीपीएल परिवारों को कनेक्शन देने पर कुल 84.94 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान किया था. इसके बाद बोर्ड ने 50 फीसदी राशि यानी 42.47 करोड़ रुपये की मांग आरइसी से अग्रिम के तौर पर की. आरइसी ने 33 करोड़ रुपये दिये. बोर्ड ने कनेक्शन उपलब्ध कराने को लेकर ठेकेदारों को 68.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इसके बावजूद 17,41,558 बीपीएल परिवारों में से सिर्फ 9,59,620 को ही बिजली कनेक्शन दिया जा सका. इस तरह सरकार ने लक्ष्य के मुकाबले 7,81,938 बीपीएल परिवारों को बिजली कनेक्शन नहीं दिया. निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं होने की वजह से बोर्ड ने आरइसी से 50.96 करोड़ रुपये की मांग भी नहीं की है.