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जनसंवाद सह जन जागरूकता कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, आयुष्मान से इलाज, पर स्वच्छता से रोगों से बचाव

गांधी जी कहते थे स्वच्छता, राजनीतिक आजादी से ज्यादा महत्वपूर्ण है रांची : केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के जरिये देश के 50 करोड़ लोगों का पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा करवा दिया है. यह योजना गरीबों के लिए वरदान है. पर रोग के इलाज से बेहतर है रोग से बचाव. अपने घर-मुहल्ले को […]

गांधी जी कहते थे स्वच्छता, राजनीतिक आजादी से ज्यादा महत्वपूर्ण है
रांची : केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के जरिये देश के 50 करोड़ लोगों का पांच लाख का स्वास्थ्य बीमा करवा दिया है. यह योजना गरीबों के लिए वरदान है.
पर रोग के इलाज से बेहतर है रोग से बचाव. अपने घर-मुहल्ले को स्वच्छ बना कर तथा खुले में शौच से मुक्त होकर ही समाज निरोग हो सकता है. इसलिए स्वच्छता तथा खुले में शौच से मुक्ति जरूरी है. ये बातें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कही. वह नामकुम प्रखंड के लालखटंगा पंचायत के भुसुर मैदान में स्वच्छता ही सेवा के तहत जनसंवाद सह जन जागरूकता कार्यक्रम में बोल रहे थे.
श्री नायडू ने कहा कि जब मैं केंद्र में शहरी विकास मंत्री था, तो पीएम मोदी ने मुझसे कहा कि हमलोग ऐसा कार्यक्रम शुरू करेंगे, जो न सरकारी कार्यक्रम होगा अौर न ही राजनीतिक. मैंने कहा कि ऐसा कौन सा कार्यक्रम हो सकता है. तब पीएम ने कहा कि हमलोग स्वच्छता का कार्यक्रम शुरू करेंगे, जो आम लोग व समाज की जागरूकता व उनके सहयोग से चलेगा. आज मुझे खुशी है कि स्वच्छता अभियान जैसे जन आंदोलन को जन स्वीकृति मिल गयी है.
श्री नायडू ने कहा कि महात्मा गांधी कहते थे कि स्वच्छता राजनीतिक आजादी से ज्यादा महत्वपूर्ण है. दो अक्तूबर 2014 को देश भर में शुरू स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य दो अक्तूबर 2019 को पूरा कर लेने का लक्ष्य है. तब तक पूरा देश खुले में शौच से मुक्त हो जायेगा.
भारत को स्वच्छ बनाना ही बापू को सच्ची श्रद्धांजलि : राज्यपाल
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत को स्वच्छ बनाना ही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. गांधी जी ने देश को अाजादीतो दिलायी, पर स्वच्छता का उनका सपना पूरा नहीं हुआ. अब नरेंद्र मोदी बापू के सपनों को पूरा कर रहे हैं. स्वच्छता प्राचीन भारत की परंपरा रही है.
पर तब यह अपने घरों तक ही सीमित थी. सार्वजनिक सफाई के प्रति समाज में एक संकोच का भाव रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने सामूहिक प्रयास से होनेवाली इसी सफाई की क्रांतिकारी शुरुआत की है. राज्यपाल ने कहा कि केवल शौचालय बना देने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसका उपयोग तथा इसकी सफाई.
जल्द ही पूरा झारखंड ओडीएफ होगा : रघुवर
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि हमारा आदिवासी समाज ऐसे भी साफ-सफाई व स्वच्छता का बहुत ख्याल रखता है. पर जल्द ही पूरा झारखंड खुले में शौच से मुक्त तथा स्वच्छ हो जायेगा.
जो गांव खुले में शौच से मुक्त होंगे, वहां सरकार पाइप जलापूर्ति योजना से हर घर व शौचालय को पानी उपलब्ध करायेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जिला खनिज कोष (डीएमएफ) की 30 फीसदी रॉयल्टी ग्रामीण इलाके में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने पर खर्च की जायेगी. शौचालय निर्माण में हिस्सा लेने तथा इसके लिए सबको प्रेरित करनेवाली सभी जल सहिया को मुख्यमंत्री ने साड़ी देने की भी घोषणा की. कार्यक्रम में केंद्रीय सचिव परमेश्वर अय्यर तथा पेयजल व स्वच्छता सचिव अाराधना पटनायक ने भी अपनी बातें कही.
कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी शर्मा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन स्वच्छता मिशन, ग्रामीण के निदेशक अमित कुमार ने किया. इस अवसर पर सांसद राम टहल चौधरी, खिजरी विधायक राम कुमार पाहन, मांडर विधायक गंगोत्री कुजूर, मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल सहित विभिन्न जिलों से आयी जल सहिया, शौचालय निर्माण करने वाली महिला राज (रानी) मिस्त्री व अन्य लोग उपस्थित थे.
झारखंड में बने 38.90 लाख शौचालय
पेयजल व स्वच्छता सचिव आराधना पटनायक ने बताया कि दो अक्तूबर 2014 के बाद से अब तक राज्य में 38.90 लाख शौचालयों का निर्माण हो चुका है. वर्ष 2014 में जहां स्वच्छता कवरेज 16.4 फीसदी था. वहीं अब यह 95 फीसदी हो गया है. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत खुले में शौच से मुक्त (अोडीएफ) पूर्व के 12 जिलों के अलावा पांच जिलों, 50 प्रखंड व एक हजार गांव हो गये हैं.
स्वजल कार्यक्रम की शुरुआत
स्वजल योजना समुदाय के स्वामित्व वाली ग्रामीण पेयजल योजना है. इसके कुल लागत की 90 फीसदी राशि सरकार जबकि 10 फीसदी राशि लाभुक देंगे. इस योजना के तहत बोरिंग करके सौर ऊर्जा की सहायता से पानी टंकी में तथा फिर पाइप के जरिये घरों में पहुंचेगा. उपराष्ट्रपति ने नामकुम प्रखंड के चांद गांव में राज्य के पहले स्वजल योजना का अॉनलाइन शिलान्यास कार्यक्रम स्थल से किया.
मंच पर जाने के बजाय महिलाअों से मिलने पहुंच गये उपराष्ट्रपति
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू मंच पर जाने के बजाय वहां उपस्थित जल सहिया व अन्य महिलाअों से मिलने पहुंच गये. जनसंवाद की उनकी इच्छा जान कर वहां लगे लोहे के बैरिकेड आनन-फानन में खोले गये. श्री नायडू महिलाअों के बीच पहुंच कर उनसे स्वच्छता पर बात करने लगे. बाद में उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि यहां उपस्थित ग्रामीण महिलाएं स्वच्छता की पूरी समझ रखती हैं.
स्वच्छता का बेहतर कार्य करनेवालों को किया गया सम्मानित
उपराष्ट्रपति तथा मुख्यमंत्री ने जन जागरूकता का बेहतर कार्य करने तथा शौचालय निर्माण करनेवाली मुखिया, जल सहिया व रानी मिस्त्री को सम्मानित किया. इनमें खूंटी की रानी मिस्त्री किरण देवी, धनबाद की खरखरी पंचायत की मुखिया पिंकी कुमारी, चास बोकारो की एसएचजी अध्यक्ष लता देवी, साहेबगंज के पूर्वी नारायणपुर पंचायत की मुखिया सुभद्रा विश्वास (साहेबगंज) तथा पूर्वी सिंहभूम की जल सहिया विमला सामद शामिल हैं.
अब मिस्त्री हमारे साथ करता है काम
दो रानी मिस्त्री कांके की सीता कश्यप तथा रातू की फुलमनी देवी ने उपराष्ट्रपति के समक्ष अपने अनुभव भी साझा किया. फुलमनी ने कहा कि पहले हम मिस्त्री के साथ काम करते थे. अब मिस्त्री हमारे साथ काम करता है. फुलमनी का आत्मविश्वास देख कर उपराष्ट्रपति ने उसे अपने पास बुलाया व बात की. गौरतलब है कि राज मिस्त्री की कमी देखते हुए सरकार ने राज्य भर में 55 हजार रानी (महिला) मिस्त्री तैयार किये हैं.

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