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रांची : फर्जी शराब केस में फंसे मानवीय व नंदकिशोर जेल से निकले

कहा : पुलिस ने टॉर्चर कर कबूलवाया था जुर्म, सादे कागज पर करवाया था हस्ताक्षर रांची : डोरंडा के मणि टोला पत्थर रोड से खाली वाहनों को जब्त कर उसमें शराब बरामद दिखाने और शराब तस्करी के केस में जेल भेजे गये मानवीय उर्फ बनर्जी व नंद किशोर साहू बुधवार को जेल से जमानत पर […]

कहा : पुलिस ने टॉर्चर कर कबूलवाया था जुर्म, सादे कागज पर करवाया था हस्ताक्षर
रांची : डोरंडा के मणि टोला पत्थर रोड से खाली वाहनों को जब्त कर उसमें शराब बरामद दिखाने और शराब तस्करी के केस में जेल भेजे गये मानवीय उर्फ बनर्जी व नंद किशोर साहू बुधवार को जेल से जमानत पर बाहर निकल आये. जमानत पर बाहर निकलने के बाद दोनों अपने-अपने घर पहुंचे. उन्हें देख कर परिवार के सदस्यों के बीच खुशी की लहर दौड़ गयी. मानवीय ने बताया कि उसका शराब तस्करी या वाहन से कुछ लेना-देना नहीं है. वह 29 अगस्त को अपने कुछ दोस्तों के साथ हटिया चांदनी चौक के पास एक दुकान में बैठ कर बात कर रहा था.
इसी दौरान वहां सादे लिबास में कुछ पुलिसकर्मी आये और उन्हें पकड़ कर धुर्वा थाना ले गये. मानवीय ने बताया कि उसे पुलिस ने बोलने का कुछ मौका तक नहीं दिया. मुझसे शराब तस्करी में जुर्म स्वीकारने को कहा गया. इसके लिए मुझसे लप्पड़-थप्पड़ के साथ टार्चर भी किया गया. मैं मारपीट करने वालों को पहले से नहीं जानता था. बाद में जब उनका फोटो देखा, तब पता चला कि मारपीट करने वाले धुर्वा के तत्कालीन थाना प्रभारी तालकेश्वर राम और तुपुदाना ओपी प्रभारी प्रकाश यादव थे. नंद किशोर साहू को उसके घर से उठाया गया था. मानवीय ने बताया कि उसके पास से शराब बरामद नहीं हुई थी.
उल्लेखनीय है कि 31 अगस्त को धुर्वा थानेदार ने मामले में जमादार ललन प्रसाद के बयान पर लिखित शिकायत दर्ज की थी. इसमें बरामद एक कार से आरोपी के कार छोड़ कर भाग जाने और सफारी से शराब सहित मानवीय और नंद किशोर साहू को गिरफ्तार दिखाया गया था.
वाहन शराब से भरा हुआ और शालीमार बाजार के पास से बरामद करने का उल्लेख प्राथमिकी में था. जानकारी के अनुसार फर्जी शराब कांड के बारे में पुलिस अधिकारियों को तब जानकारी मिली, जब एक सीसीटीवी फुटेज वाट्सएप पर वायरल हुआ. इसमें यह बात सामने आयी कि दोनों गाड़ियों को क्रेन से उठाया गया और उसी गाड़ी से शराब की बरामदगी दिखायी गयी. जबकि वाहन जब्त करने के दौरान उसमें कोई शराब की बोतल नहीं थी. मामले में पुलिस अधिकारियों ने जांच भी की है.
जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि खाली वाहन को जब्त करने और उसमें शराब बरामद दिखाने के पीछे हटिया डीएसपी, धुर्वा, डोरंडा और तुपुदाना ओपी प्रभारी की भूमिका संदिग्ध है. मामले में तीन थानेदार पूर्व में लाइन हाजिर किये जा चुके हैं, जबकि हटिया डीएसपी को शोकॉज किया गया है.

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