ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए दिसंबर 2018 तक की तिथि निर्धारित
रांची : खूंटी सहित कुछ अन्य स्थानीय निकायों द्वारा ट्रेड लाइसेंस नहीं लेनेवालों से दंड वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया था. इस मामले की सूचना मिलने के बाद कैबिनेट ने अन्यान्य में यह फैसला किया कि झारखंड म्यूनिसिपल ट्रेड रेगुलेशन एक जनवरी 2019 से प्रभावी किया जायेगा.
इसके पहले तक स्थानीय निकाय क्षेत्रों में व्यापार करनेवालों को रेगुलेशन में निहित प्रावधानों के तहत ट्रेड लाइसेंस लेना होगा. बिना ट्रेड लाइसेंस के व्यापार करने या ट्रेड लाइसेंस के निर्धारित शर्तों का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यापारी से 10 रुपये प्रतिदिन की दर से दंड की वसूली की जायेगी.
रेगुलेशन में इस बात का प्रावधान किया गया है कि ट्रेड लाइसेंस के आवेदन का निबटारा 22 दिनों के अंदर कर दिया जायेगा. इस अवधि में आवेदन का निबटारा नहीं होने पर ट्रेड लाइसेंस स्वत: स्वीकृत माना जायेगा. हालांकि, बाद में जांच-पड़ताल के दौरान आवेदक द्वारा दिये गये ब्योरे को गलत पाये जाने पर उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. उस पर एक हजार से पांच हजार रुपये तक दंड लगेगा या दो वर्षों के लिए ट्रेड लाइसेंस का आवेदन देने पर प्रतिबंध लगा दिया जायेगा.
रक्तदान के लिए साल में अधिकतम चार दिन का अवकाश
कैबिनेट ने राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा रक्तदान करने की स्थिति में साल में अधिकतम चार दिन का आकस्मिक अवकाश देने का फैसला किया. यह प्रावधान राज्य में ब्लड डोनेशन को बढ़ावा देने और रक्त की समुचित उपलब्धता के लिए किया गया है.
वनरक्षी और वनपाल का वर्दी भत्ता एक हजार बढ़ा
कैबिनेट ने वनरक्षी और वनपाल को दिये जाने वाले वर्दी भत्ता में एक हजार रुपये की बढ़ोतरी की है. इससे अब वनरक्षी को तीन के बदले चार हजार रुपये और वनपाल को 3500 के बदले 4500 रुपये मिलेगा.
बिहार विद्युत शुल्क नियमावली 1949 के नियम 11 में संशोधन
कैबिनेट ने बिहार विद्युत शुल्क नियमावली 1949 के नियम 11 में संशोधन कर दिया है. इससे अब हाइटेंशन उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी ऊर्जा विकास निगम के खाते में ही जमा करना होगा. बाद में यह रकम वाणिज्य कर विभाग को दे दी जायेगी. फिलहाल, हाइटेंशन उपभोक्ताओं को बिजली बिल निगम में और विद्युत शुल्क वाणिज्य कर विभाग में जमा करना पड़ता है. इससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी होती थी.
बिरसा मुंडा जेल के लिए 9.24 करोड़ की योजना स्वीकृत
कैबिनेट ने इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट को नॉमिनेशन के आधार पर बिरसा मुंडा जेल के संरक्षण का काम देने का फैसला किया. फेज वन के तहत पुराने बिरसा मुंडा जेल के संरक्षण के लिए 9.24 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत है. पूरे जेल को संग्रहालय में बदलने के लिए कुल 26.78 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की गयी है.