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रांची : कर्मियों की शिथिलता से हो रही सांसदों की बदनामी : पोद्दार
सांसद निधि की योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर जतायी नाराजगी रांची : सांसद महेश पोद्दार ने एमपी फंड की योजनाओं के सुस्त क्रियान्वयन पर नाराजगी जतायी है़ जिले के विकास शाखा के कामकाज पर असंतोष जताया है़ विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही कोताही को लेकर रांची उपायुक्त राय महिमापत रे को पत्र लिखा […]
सांसद निधि की योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर जतायी नाराजगी
रांची : सांसद महेश पोद्दार ने एमपी फंड की योजनाओं के सुस्त क्रियान्वयन पर नाराजगी जतायी है़ जिले के विकास शाखा के कामकाज पर असंतोष जताया है़ विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही कोताही को लेकर रांची उपायुक्त राय महिमापत रे को पत्र लिखा है़ सांसद ने पत्र मेें कहा है कि सांसद मद की राशि के व्यय, योजनाओं के क्रियान्वयन और उपयोगिता प्रमाण पत्र देने में विलंब हो रहा है़
सांसद मद की योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालनेवाली विकास शाखा की कार्यप्रणाली असंतोषजनक है़ इसलिए विकास शाखा में अब तक सांसद निधि का दायित्व संभाल रहे कर्मचारियों को मुक्त करते हुए स्थानांतरित कर दे़ं इनके स्थान पर सुयोग्य कर्मचारियों को मौका दें.
और क्या कहा है पत्र में : पत्र में यह भी कहा है कि सांसद मद की योजनाओं के सुस्त क्रियान्वयन की वजह से सांसद आलोचना के शिकार होते है़ं आम जन यही मानते हैं कि सांसदों ने ही निधि खर्च करने में रुचि नहीं दिखायी है़ जबकि सच्चाई यह है कि स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत सांसद की भूमिका केवल योजनाओं की अनुशंसा तक सीमित है़
योजनाओं की स्वीकृति से लेकर काम पूरा कर उपयोगिता प्रमाण पत्र देने तक की जिम्मेदारी जिला प्राधिकरण (डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी) की होती है़ श्री पोद्दार ने कहा कि सांसदों की ऐसी नाकारात्मक छवि उन्हें स्वीकार नहीं है़ कहा कि अभी तक उन्हें वर्ष 17–18 की सांसद मद की दूसरी छमाही किश्त ही आवंटित हुई है़
यदि विकास शाखा ने मुस्तैदी से काम किया होता तो उन्हें अब तक वर्ष 18–19 की दोनों छमाही किश्तों का आवंटन भी हो चुका होता़ वर्तमान स्थिति यह है कि सांसद निधि के रूप में भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग द्वारा जितनी राशि आवंटित हुई है, उससे ज्यादा रकम की योजनाओं की अनुशंसा वे कर चुके है़ं
इसके बावजूद इस विभाग की वेबसाइट पर यह दर्शाया जा रहा है कि उन्होंने आवंटित रकम में से 40 फीसदी से भी कम खर्च किया है़ भ्रम की यह स्थिति केवल विकास शाखा की शिथिलता की वजह से बनी है़ श्री पोद्दार ने कहा है कि करीब दो महीने पहले अनुशंसित योजनाओं में से किसी का क्रियान्वयन अबतक आरंभ भी नहीं हुआ है़ सारी अनुशंसाएं अभी प्रशासनिक स्वीकृति के स्तर पर ही है़ं
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