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तृणमूल के डर से भाजपा से जुड़े 292 लोग बंगाल से भागे, स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता की रिपोर्ट से हुई पुष्टि
अमन तिवारी रांची : तृणमूल कांग्रेस नेताओं के डर से भाजपा नेता सहित 292 से अधिक लोग बंगाल छोड़ चुके हैं. वे सुरक्षा के लिए झारखंड के विभिन्न स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. इससे संबंधित एक रिपोर्ट स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता ने तैयार की है. उन्होंने यह रिपोर्ट गृह सचिव और मुख्यमंत्री […]
अमन तिवारी
रांची : तृणमूल कांग्रेस नेताओं के डर से भाजपा नेता सहित 292 से अधिक लोग बंगाल छोड़ चुके हैं. वे सुरक्षा के लिए झारखंड के विभिन्न स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. इससे संबंधित एक रिपोर्ट स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता ने तैयार की है. उन्होंने यह रिपोर्ट गृह सचिव और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पास भेजी है. समस्या के निराकरण के लिए एडीजी ने मामले में कार्रवाई की मांग की है. एडीजी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि प बंगाल के मालदा, उत्तरी दिनाजपुर और पुरूलिया जिले में 14 मई को पंचायत चुनाव में तृणमूल के विरोधी दल भाजपा और अन्य दल के प्रतिनिधि निर्वाचित हुए थे.
13 और 14 अगस्त को मुखिया, सभापति और सभाधिपति पद के लिए चुनाव में इन्हें मतदान करना था. ऐसे में स्वाभाविक है कि इन पदों पर भाजपा के प्रतिनिधि निर्वाचित होते. इस दौरान पराजय के भय से तृणमूल कांग्रेस के सदस्य और कार्यकर्ताओं ने अपने पक्ष में मतदान के लिए इन लोगों पर दबाव बनाया.
बात नहीं मानने पर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने निर्वाचित भाजपा एवं अन्य दलों के प्रतिनिधि एवं उनके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट करने, पुलिस के सहयोग से झूठे केस में फंसाने, अपहरण और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने की धमकी दी. स्थानीय पुलिस के पास जब लोग शिकायत करने गये, तब पुलिस और प्रशासन ने उनकी किसी प्रकार की सहायता नहीं की. इस कारण वे अपनी सुरक्षा के लिए धनबाद, बोकारो और रांची के विभिन्न स्थानों पर शरण लिये हुए हैं.
तीन जुलाई को पुरूलिया जिला के पाड़ा, बलरामपुर, बाघमुंडी, अड़सा, झालदा एक- झालदा दो एवं रघुनाथपुर प्रखंड के नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य सहित 172 लोग अनगड़ा थाना क्षेत्र के गेतलसूद के पास आकर ठहरे थे. रिपोर्ट में सभी के नाम और पते का भी उल्लेख है.
एडीजी ने गृह सचिव व मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पास भेजी रिपोर्ट
टीएमसी में शामिल होने से इनकार करने पर झूठा मुकदमा दर्ज कर जेल भेजे जाने लगे भाजपाई, तब डर कर वहां से भागे
एडीजी ने आगे अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मालदा जिला के बाबुनगुला प्रखंड में भाजपा से जीती 28 जनप्रतिनिधि महिला सहित कुल 50 लोगों ने बोकारो के सेक्टर आठ सरस्वती विद्या मंदिर में 16 जुलाई को शरण लिया था.
उन लोगों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता साहेब खान, टिंकू कुंडू, जयदेव मंडल, फैजुद्दीन सरकार, मनातू विश्वास, सिकदार, इकरामूल, पंचानन राम, प्रभात सरकार चुनाव जीतने के बाद जबरदस्ती टीएमसी पार्टी में शामिल होने के लिए हम पर दबाव बना रहे थे. जब हमलोगों ने टीएमसी में शामिल होने से इनकार कर दिया, तब उपरोक्त लोग बाचुनगुला के थाना प्रभारी आलोक के सहयोग से झूठा मुकदमा करा कर हमें जेल भेजने लगे.
इस दौरान कई जनप्रतिनिधियों के साथ मारपीट की गयी और उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाने लगा. लोगों ने यह भी बताया कि जीते हुए जनप्रतिनिधि सुषांतो सहित कई अन्य जनप्रतिनिधियों को जब झूठा केस कर जेल भेज दिया गया, तब वे लोग काफी डर गये. इसके बाद वे लोग सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए वहां से भाग गये.
समस्या के निराकरण के लिए कार्रवाई करने का किया गया आग्रह
इसी तरह रिपोर्ट में आगे लिखा है कि धनबाद जिला के निरसा थाना क्षेत्र के साहू धर्मशाला एवं राजलक्ष्मी मैरेज हॉल में भी मालदा एवं उत्तरी दिनाजपुर जिला के भाजपा के निर्वाचित जनप्रतिनिधि सहित 70 लोग अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ 17 जुलाई को ठहरे थे.
उन्हें भी मुखिया के पद पर तृणमूल के लोगों ने अपने पक्ष में मतदान करने को कहा था. एडीजी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि इस तरह के काम से संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं विश्व में हमारे देश की छवि धूमिल हो रही है. इसलिए उपरोक्त समस्याओं के निराकरण के लिए यथाशीघ्र उचित कार्रवाई की जाये.
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