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रांची : आम चुनाव की तैयारी को लेकर आठ से 26 अगस्त तक 6,420 इवीएम की जांच

जांच की प्रक्रिया 19 दिनों तक चली, सिर्फ भाजपा के प्रतिनिधि पहुंचे रांची : मोरहाबादी के फुटबॉल स्टेडियम स्थित वेयर हाउस में आम चुनाव की तैयारियों को लेकर इवीएम (बैलेट यूनिट एवं कंट्रोल यूनिट) का फर्स्ट लेवल चेक (एफएलसी) कार्यक्रम चलाया गया. यह कार्यक्रम आठ अगस्त से 26 अगस्त तक चला. आनेवाले चुनाव में इवीएम […]

जांच की प्रक्रिया 19 दिनों तक चली, सिर्फ भाजपा के प्रतिनिधि पहुंचे
रांची : मोरहाबादी के फुटबॉल स्टेडियम स्थित वेयर हाउस में आम चुनाव की तैयारियों को लेकर इवीएम (बैलेट यूनिट एवं कंट्रोल यूनिट) का फर्स्ट लेवल चेक (एफएलसी) कार्यक्रम चलाया गया. यह कार्यक्रम आठ अगस्त से 26 अगस्त तक चला. आनेवाले चुनाव में इवीएम की सबसे लेटेस्ट एम3 टाइप का इस्तेमाल किया जायेगा. इसमें टाइम, डेट सब डिसप्ले होगा.
हैदराबाद की इसीआइएल कंपनी के चीफ इंजीनियर कृष्णा त्रिपाठी ने इसका नेतृत्व किया. उनके नेतृत्व में 12 सदस्यीय इंजीनियरों की टीम ने एफएलसी किया. रांची जिले के लिए कुल 6,420 इवीएम (बैलट यूनिट) व 4,100 इवीएम (कंट्रोल यूनिट) हैदराबाद की इसीआइएल कंपनी से आया था.
इसकी जांच की गयी. इसमें से 6,383 इवीएम (बैलट यूनिट) व 4,034 इवीएम(कंट्रोल यूनिट) सही पाये गये. सही पाये गये इवीएम को सील किया गया. उक्त कार्यक्रम भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्राप्त निर्देश के आलोक में किया गया.
इवीएम जांच में राज्य के सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन सिर्फ भाजपा के प्रतिनिधि ही शामिल हुए. अन्य दलों की अोर से कोई भी जांच में नहीं पहुंचा.
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त राय महिमापत रे ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को जांच के समय उपस्थित रहने का आग्रह किया था. भाजपा की ओर से चुनाव आयोग संपर्क विभाग के प्रदेश सह संयोजक व अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव अपनी पूरी टीम के साथ उपस्थित रहे. वे इवीएम की बारीकियों से रू-ब-रू हुए.
जिले के सभी 2,770 बूथ पर लगेगा वीवीपीएटी
सही पाये गये इवीएम को इवीएम ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर (इटीएस) से लिंक किया जा रहा है. लिंक करने का काम लगभग 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है.
सुप्रीम कोर्ट ने भी एक मामले में आदेश पारित कर कहा था कि प्रत्येक बूथ पर वीवीपैड अनिवार्य होगा. रांची जिला में 2,770 बूथ हैं. इसके लिए 2770 वीवीपीएटी की जरूरत होगी. कहा गया कि वीवीपीएटी के इस्तेमाल से चुनाव प्रक्रिया में और पारदर्शिता आ जायेगी.
वीवीपीएटी में मतदाता अब देख सकेंगे की उनके द्वारा डाला गया वोट किसको मिला है. उसका प्रिंट आउट भी निकलेगा. वीवीपीएटी अब तक रांची नहीं पहुंचा है. वीवीपीएटी के आने के बाद सबकी जांच की जायेगी. उसके बाद फर्स्ट लेवल चेक होगा. फिर सबको इवीएम से जोड़ा जायेगा.

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