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200 करोड़ की हेराफेरी का मामला, फर्जी पेपर पर आइटीसी का लाभ लेनेवाला गिरफ्तार
जीएसटी में फर्जीवाड़े के आरोप में 19 अन्य कंपनियों पर भी प्राथमिकी रांची : फर्जी कागजात के आधार पर जीएसटी के इनपुट टैक्स क्रेडिट (अाइटीसी) का लाभ लेने के कारण सिद्धि विनायक मेटल एंड साल्ट कंपनी के निदेशक सत्यप्रकाश सिंह गिरफ्तार कर लिये गये हैं. वाणिज्य कर विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है […]
जीएसटी में फर्जीवाड़े के आरोप में 19 अन्य कंपनियों पर भी प्राथमिकी
रांची : फर्जी कागजात के आधार पर जीएसटी के इनपुट टैक्स क्रेडिट (अाइटीसी) का लाभ लेने के कारण सिद्धि विनायक मेटल एंड साल्ट कंपनी के निदेशक सत्यप्रकाश सिंह गिरफ्तार कर लिये गये हैं.
वाणिज्य कर विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्हें जीएसटी 2017 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है. सत्यप्रकाश के विरुद्ध वाणिज्य कर विभाग द्वारा सिटी थाना1/बी, बोकारो स्टील सिटी, बोकारो में कांड संख्या 121/18 दिनांक 15.5.2018 दर्ज किया गया था. उक्त फर्म लोहा एवं इस्पात के स्क्रैप, स्पंज आयरन, बिलेट आदि के लिए राज्य कर विभाग में निबंधित है.
जांच के दौरान यह पाया गया कि उक्त फर्म द्वारा देश में विभिन्न कंपनियों, फर्मों द्वारा निर्गत फर्जी इनवायस के आधार पर लगभग 6.23 करोड़ रुपये के अनियमित एवं अमान्य इनपुट टैक्स क्रेडिट का उपभोग किया गया है. जो इनवायस थे, उसमें माल एवं सेवाओं की प्राप्ति एवं आपूर्ति को नहीं दिखाया गया था.
गौरतलब है कि विभाग द्वारा जांच के क्रम में 19 ऐसे व्यवसायियों यथा अन्नपूर्णा इंटरप्राइजेज रांची, कृष्णा इंटरप्राइजेज जमशेदपुर, कंचन एलॉयज एंड स्टील जमशेदपुर, महेंद्रा ट्रेडर्स जमशेदपुर, साकंबरी मेटालिक्स जुगसलाई, पीके ट्रेडर्स जमशेदपुर, बिगनेश इंटरप्राइजेज धनबाद, पूर्व इंटरप्राइजेज धनबाद, देव ट्रेडर्स धनबाद, भूतनाथ इंटरप्राइजेज धनबाद, रिशप सेल्स धनबाद, भगवति इंटरप्राइजेज धनबाद, शिव शक्ति ट्रेडर्स धनबाद, चंद्रकला कतरास, रेणुराज इंटरप्राइजेज बोकारो, श्रीराम एलायज इनगोट प्राइवेट लिमिटेड बोकारो, शाहा इंटरप्राइजेज देवघर एवं ओम ट्रेडिंग देवघर आदि को चिह्नित किया गया है. इनके द्वारा फर्जी कागजातों के आधार पर एक दूसरे को खरीद-बिक्री दर्शाते हुए गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ पहुंचाया गया है. इन सभी व्यवसायियों द्वारा फर्जीवाड़ा करते हुए लगभग 200 करोड़ के गलत आइटीसी सृजित कर राजस्व की क्षति पहुंचायी गयी है.
विभाग द्वारा इन सभी व्यवसायियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है एवं झारखंड जीएसटी 2017 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है. जांच से यह भी पता चला है कि उक्त फर्मों द्वारा फर्जी कंपनियों के नाम पर निर्गत फर्जी इनवायस के अाधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का उपभोग किया गया है.
इनके द्वारा जीएसटी भुगतान से बचने के लिए विभिन्न कंपनियों को फर्जी आइटीसी ट्रांसफर किया गया है. इनके द्वारा हेरा-फेरी कर मालों की आपूर्ति के बिना फर्जी कागजातों के आधार पर गलत अाइटीसी का उपभोग करने के लिए क्रेडिट फैसिलिटी का दुरुपयोग कर सरकारी राजस्व को भारी क्षति पहुंचायी गयी है. उक्त सभी मामलों में जीएसटी के तहत व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
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