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रांची : एक हजार से अधिक नामांकन वाले स्कूल को मिलेंगे तीन टैब

राज्य के 41 हजार स्कूलों के लिए सरकार ने खरीदे हैं टैब रांची : राज्य के स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से टैब दिये जायेंगे. प्रथम चरण में सभी प्रखंड के दस-दस स्कूलों को टैब देने का निर्णय लिया गया है. विद्यालयों को टैब छात्र संख्या के आधार पर दिया जायेगा. विद्यालय में एक हजार से […]

राज्य के 41 हजार स्कूलों के लिए सरकार ने खरीदे हैं टैब
रांची : राज्य के स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से टैब दिये जायेंगे. प्रथम चरण में सभी प्रखंड के दस-दस स्कूलों को टैब देने का निर्णय लिया गया है. विद्यालयों को टैब छात्र संख्या के आधार पर दिया जायेगा. विद्यालय में एक हजार से अधिक विद्यार्थी नामांकित होने पर तीन टैब दिये जायेंगे.
राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने टैब वितरण को लेकर सभी जिले के उपायुक्त को पत्र लिखा है. राज्य परियोजना निदेशक द्वारा जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार ने ज्ञानोदय योजना के तहत ई-विद्यावाहिनी के माध्यम से विद्यालयों के ऑनलाइन निगरानी का निर्णय लिया है.
इसके लिए विद्यालयों को टैब दिया जायेगा. पांच सितंबर को मुख्यमंत्री रघुवर दास ई-विद्यावाहिनी कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे. प्रथम चरण में सभी जिले के प्रत्येक प्रखंड के दस-दस विद्यालयों में इसकी शुरुआत की जायेगी. टैब वितरण को लेकर सभी जिले में डाटा इंट्री प्वाइंट तय किये गये हैं. डाटा इंट्री प्वाइंट पर कंप्यूटर, डाटा इंट्री आॅपरेटर, बिजली, इंटरनेट, फोन आदि सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है.
सभी केंद्रों के लिए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाते हुए नाम और मोबाइल नंबर राज्य परियोजना कार्यालय को देने के लिए कहा गया है. टैब एवं शिक्षक के पंजीकरण के लिए आेटीपी नोडल पदाधिकारी के मोबाइल नंबर पर ही भेजा जायेगा. प्रथम चरण में दस वैसे विद्यालयों का चयन किया जाना है, जहां इंटरनेट की अच्छी सुविधा हो एवं शिक्षक सक्रिय हों. विद्यालय स्तर पर ई विद्यावाहिनी कार्यक्रम की शुरुआत 31 अगस्त से पहले सुनिश्चित करने को कहा गया है.
टैब की सुरक्षा व रखरखाव की जिम्मेदारी शिक्षक की : राज्य परियोजना निदेशक द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि टैब व बायोमेट्रिक के रखरखाव एवं सुरक्षा की व्यक्तिगत जिम्मेदारी संबंधित शिक्षक की होगी. शिक्षक के चयन में वैसे शिक्षक जिन्हें स्मार्ट फोन की जानकारी हो, सरकारी शिक्षक हो व कनीय हो, उन्हें प्राथमिकता दी जायेगी. वितरण के समय अगर कोई टैब खराब पाया जाता है, तो जिला स्तर पर इसे संग्रहित कर इसकी सूचना राज्य कार्यालय को देने के लिए कहा गया है. सर्विस सेंटर द्वारा इसकी नि:शुल्क मरम्मत की जायेगी.
56 करोड़ से स्कूलों के लिए खरीदे गये हैं टैब : टैब का क्रय जैप आइटी की देखरेख में हुआ है. इस पर लगभग 56 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसके माध्यम से विद्यालयों में शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति, मध्याह्न भोजन की निगरानी, बच्चों की उपस्थिति समेत अन्य कार्यों की निगरानी होनी थी.
शिक्षा विभाग का कहना है कि इससे स्कूलों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित होगी. शिक्षकों की उपस्थित समय पर होगी. मध्याह्न भोजन की रिपोर्ट स्कूल प्रतिदिन ऑनलाइन मध्याह्न भोजन निदेशालय को भेज सकेंगे.
टैबलेट वितरण का मापदंड
छात्र संख्या टैब
0-30 00
31-200 01
200-1000 02
1000 से अधिक 03

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