रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग में सारी सुनवाई बंद कर दी गयी है. वजह है कि यहां लीगल मेंबर नहीं है. इधर, बिजली वितरण निगम ने भी आयोग में याचिका डाल कर बिना लीगल मेंबर के सुनवाई न करने का आग्रह किया था. इसके बाद आयोग में सुनवाई बंद कर दी गयी है. आयोग के पास इस समय विभिन्न कंपनियों और बिजली कंपनियों के बीच विवाद के 12 केस हैं, जो फिलहाल पेंडिंग है.
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लीगल मेंबर नहीं होने से नियामक आयोग में बंद हो गयी है सुनवाई
रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग में सारी सुनवाई बंद कर दी गयी है. वजह है कि यहां लीगल मेंबर नहीं है. इधर, बिजली वितरण निगम ने भी आयोग में याचिका डाल कर बिना लीगल मेंबर के सुनवाई न करने का आग्रह किया था. इसके बाद आयोग में सुनवाई बंद कर दी गयी है. […]
क्या है मामला : 12 अप्रैल 2018 को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था कि किसी भी आयोग में कम से कम एक सदस्य न्यायिक सेवा का होना अनिवार्य है. यदि आयोग के सारे पद अन्य सेवा से भर गये हैं, तो जैसे ही पद रिक्त होगा,
वहां एक सदस्य न्यायिक सेवा के नियुक्त करने का आदेश दिया गया है. झारखंड विद्युत नियामक आयोग में इस समय अध्यक्ष समेत दो सदस्य हैं. अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी हैं, जबकि सदस्य तकनीक आरएन सिंह अभियंत्रण सेवा के हैं. इसी को आधार बनाकर बिजली वितरण निगम ने याचिका डाला था कि आयोग सुनवाई नहीं कर सकता, जब तक कि कोई लीगल मेंबर नहीं बन जाता. इसके बाद आयोग ने केस पर सुनवाई बंद कर दी है.
आयोग ने सरकार से मेंबर नियुक्त करने का आग्रह किया : सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए आयोग ने ऊर्जा सचिव को पत्र भेज कर आयोग में एक लीगल मेंबर को नियुक्त करने का आग्रह किया है. ऊर्जा विभाग द्वारा सीएम की मंजूरी लेकर लीगल मेंबर की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकालेगा.
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