रांची : राजधानी रांची को हरा भरा और लेस कंक्रीटयुक्त शहर बनाने को लेकर 15 अगस्त की सुबह ग्रुप साइकिल राइड का आयोजन किया जायेगा. यह आयोजन 15 अगस्त को सुबह 7 बजे बिग बाजार, एमजी रोड से शुरू होकर जयपाल सिंह स्टेडियम के पास समाप्त होगा. यह आयोजन झारखंड सिविल सोसाइटी मंच के बैनर तले होगा. मंच की ओर से विकास सिंह ने कहा कि शहर हमारा है और हमें ही इसे भविष्य की राह दिखानी है. सिर्फ बैठकर या सरकारी तंत्र को कोसने से ज्यादा कुछ हासिल नहीं होगा. हमें रांची को एक श्रेष्ठ शहर बनाना है.
उन्होंने कहा कि इस नागरिक अभियान के तहत पिछले कुछ महीनों से शहरी साफ- सफाई, ट्रैफिक सुधार-सड़क सुरक्षा और पब्लिक स्पेस नियोजन विषय पर लगातार कई गतिविधियां की गसी हैं. सरकार तक अपनी बातों को पहुंचाने के लिए जमीन पर कुछ छोटे अध्ययन किये गये और संकलित जानकारियों औऱ सुझावों को सरकार के विभागों को प्रेषित किया गया. पत्राचार, सूचना के अधिकार, ट्वीटर और फेसबुक के माध्यम से भी कई प्रकार की सूचनाओं, शिकायतों और सुझावों का प्रेषण और उनका निबटारा हुआ.
मंच की ओर से ही आरपी शाही ने कहा कि शहर में खुले क्षेत्रों, तालाबों, पार्कों और मैदानों में लगातार बनाये जा कंक्रीट के जंगलों पर तीखी चोट करते हुए जयपाल सिंह स्टेडियम में हो रहे निर्माण के खिलाफ NGT में याचिका भी दायर की गयी है, जो प्रक्रियाधीन है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस मंच की ओर से बच्चों के लिए खुले मैदान बचाने की गुहार लगायी गयी है.
इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए उपरोक्त विषयों पर सामान्य जनता को जागरूक करते हुए इस मंच के साथ लाने और सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के उद्देश्य से आजादी की सुबह 7 बजे बिग बाजार, एमजी रोड से जयपाल सिंह स्टेडियम तक एक ग्रुप सायकिल राइड का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. जिसमें मंच के सदस्यों के साथ अन्य संस्थाओं के जागरूक मित्र भी भाग लेंगे.
मंच का कहना है कि नगर निगम और सरकारी एजेंसियों के बीच कोई समन्वय नहीं है और कई स्थानों में निर्माण के समय नियमों को पूरी तरह ताक पर रखकर शहर की हालत खराब की जा रही है. सड़कों पर पैदल चलने वालों के लिए कोई सुरक्षित व्यवस्था नहीं है क्योंकि उनके पैदल चलने के लिए निर्दिष्ट जगहों पर गाड़ियां पार्क की जा रहीं हैं. रांची शहर का स्वरूप साइकिल के यात्रा के लिए काफी अच्छा है, फिर भी शहरवासियों को अपने रोजमर्रा के जीवन को साइकिल से पूरा करने लायक सुरक्षित ट्रैक्स नहीं प्रदान किये जा रहे हैं और सरकारी निधि को गैर जरूरी कार्यों में खर्च किया जा रहा है.