रांचीः राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के एक अधिकारी के लिए 12 लाख रुपये की लकड़ी महज 73 हजार रुपये में खरीदी गयी थी. लकड़ी चाईबासा के एक टिंबर व्यापारी ने खरीदी थी. अब इस लकड़ी को एक पीसीसीएफ स्तर के अधिकारी के घर पहुंचाने के लिए ट्रांजिट परमिट (टीपी) मांगी गयी है. इसे चाईबासा वन विभाग के ही एक अधिकारी ने देने पर रोक लगा दी है.
जानकारी के अनुसार मामला गत दिसंबर माह का है. इस अधिकारी के लिए करीब छह क्यूबिक मीटर सागवान की लकड़ी वन विकास निगम से नीलामी में ली गयी थी. बताया जाता है कि वन विकास निगम के एक वरीय अधिकारी खुद वहां उपस्थित थे. लकड़ी की नीलामी एक स्थानीय टिंबर के पक्ष में हुई थी. लकड़ी की कीमत तीन हजार रुपये से 3500 सीएफटी के आसपास तय हुई थी. लकड़ी की गुणवत्ता को कम बता कर 700 रुपये सीएफटी के हिसाब से लकड़ी खरीदी गयी.
इस पर करीब 73 हजार रुपये खर्च किये गये. चार माह लकड़ी अपने गोदाम में रखने के बाद उक्त बड़ा जामदा के टिंबर व्यावसायी ने ट्रांजिट परमिट मांगी है. यह आवेदन उसी अधिकारी के दिल्ली स्थित आवास पर ले जाने के लिए दिया गया है. इस पर अनापत्ति देने से इनकार कर दिया गया है.