रांची : रांची पहाड़ी और यहां स्थित शिव मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है. हर साल श्रावण मास में यहां रांची के अलावा अासपास और दूर-दराज से लाखों श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं. हर साल यहां इसके लिए भव्य तैयारी भी की जाती है. लेकिन, इस बार हालत यह है कि पहाड़ी मंदिर का रंग-रोगन तक नहीं किया गया है हालांकि, मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश और उपायुक्त की सक्रियता के बाद यहां मरम्मत के काम में तेजी आयी है.
श्रावणी मेला शुरू होने के चंद दिनों पहले ही आनन-फानन में मुख्य मंदिर के सामनेवाले हिस्से से सटी दीवार की ढलाई शुरू करायी गयी, जो रविवार को भी जारी था. कोशिश की जा रही है कि मंदिर के बड़े हिस्से को टूटने से बचाया जा सके. वहीं, मुख्य मार्ग की टूटी-फूटी सीढ़ियों की मरम्मत का काम लगातार जारी है. मंदिर से उतरनेवाले मार्ग में कई जगहों पर लगातार मिट्टी का कटाव हो रहा है. कई जगहों पर सीढ़ियों से सटी दीवार के प्लास्टर भी गिरने लगे हैं. जानकार बताते हैं कि मंदिर के पुनरुद्धार योजना के तहत में मुख्य मंदिर परिसर में बने भवन को तोड़े दिया गया था, जिससे यहां की कई दीवारें कमजोर हो गयी हैं. ऐसे में मुख्य मंदिर परिसर के सभी भवनों की नये सिरे से मरम्मत की जरूरत है.