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रांची : चेक बाउंसिंग मामले में कड़े कानून की जरूरत

रांची : राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा है कि वित्तीय लेन-देन की प्रचलित प्रणालियों में लोगों का भरोसा कायम रखने के लिए कड़े कानून की जरूरत है़ खास तौर पर चेक बाउंसिंग के मामलों में सख्त कानून की जरूरत है़ कड़े कानून नहीं होने की वजह से कुछ लोग लाभ उठाकर धोखेबाजी करते है़ं […]

रांची : राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा है कि वित्तीय लेन-देन की प्रचलित प्रणालियों में लोगों का भरोसा कायम रखने के लिए कड़े कानून की जरूरत है़
खास तौर पर चेक बाउंसिंग के मामलों में सख्त कानून की जरूरत है़ कड़े कानून नहीं होने की वजह से कुछ लोग लाभ उठाकर धोखेबाजी करते है़ं कानून का सहारा लेकर देनदारों को परेशान करते हैं.
श्री पोद्दार गुरुवार को राज्यसभा में निगोशिएबुल इंस्ट्रूमेंट (अमेंडमेंट) बिल 2017 पर हो रही चर्चा में भाजपा की ओर से बोल रहे थे़ उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कमी लाने के लिए निगोशिएबुल इंस्ट्रूमेंट एक्ट में संशोधन करते हुए कड़े प्रावधान करने होंगे. यह मसला जितना वित्तीय है, जितना तकनीकी है या जितना वैधानिक है
उससे ज्यादा भरोसे का है़ वादा पत्र हो, हुंडी हो या फिर चेक, वित्तीय विनिमय की इन सभी प्रणालियों में जो एक चीज कॉमन है, वह है भरोसा. लेन देन की पूरी चेन में से किसी भी कड़ी पर आकर लेने और देनेवाले के बीच का भरोसा टूटता है तो पूरी प्रणाली ही सवालों के घेरे में आ जाती है़
इस बिल में प्रस्तावित संशोधन भारतीय व्यापार जगत में चेक की विश्वसनीयता को बढ़ाने की दिशा में बहुत ही महत्वपूर्ण कदम साबित होगा़ भारत के विधि आयोग की 213 वीं रिपोर्ट के अनुसार 2008 में देश के विभिन्न न्यायालयों में चेक डिस आॅर्नर के 38 लाख मुकदमे लंबित थे, जो कि देश के कुल आपराधिक मामलों के 20 प्रतिशत के बराबर है़ं

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