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रांची : बरियातू में आशा संस्था और धुर्वा में इडीआइएसएस की दोबारा जांच होगी

डीडीसी ने मिशनरीज चैरिटी सहित जिले की सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की रांची : डीडीसी दिव्यांशु झा ने जिला प्रशासन की टीम को बरियातू की आशा संस्था और धुर्वा की इडीआइएसएस संस्था की दोबारा जांच के आदेश दिये हैं. क्योंकि, इन दोनों संस्थाओं ने निबंधन के वक्त जिस जगह का जिक्र किया […]

डीडीसी ने मिशनरीज चैरिटी सहित जिले की सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की
रांची : डीडीसी दिव्यांशु झा ने जिला प्रशासन की टीम को बरियातू की आशा संस्था और धुर्वा की इडीआइएसएस संस्था की दोबारा जांच के आदेश दिये हैं. क्योंकि, इन दोनों संस्थाओं ने निबंधन के वक्त जिस जगह का जिक्र किया था, वहां जांच टीम को कुछ नहीं मिला है. डीडीसी ने यह आदेश मंगलवार को हुई बैठक में दिया है. इस बैठक में जिले के सभी निबंधित बाल गृह और नारी निकेतन के प्रतिनिधि और इन संस्थाओं की जांच करनेवाले पदाधिकारी शामिल थे.
बैठक के दौरान डीडीसी ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी समेत सभी संस्थाओं को निर्देश दिया है कि अपने सारे दस्तावेज 23 जुलाई तक समर्पित करें. साथ ही सीडब्ल्यूसी के किस आदेश के तहत बच्चों को कस्टडी में रखा जा रहा है, उसकी भी प्रति 18 जुलाई को उपलब्ध करायी जाये. बैठक के दौरान प्रतिनिधियों के सामने संबंधित संस्थाओं की जांच रिपोर्ट पढ़कर सुनायी गयी. रिपोर्ट दिखाने के बाद संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपना पक्ष रखा. बैठक में जांच रिपोर्ट पर गहराई से समीक्षा की गयी.
जांच में सामने आयी हैं कई गड़बड़ियां : डीडीसी ने बताया कि जांच रिपोर्ट के अनुसार कई संस्थाओं में गड़बड़ी पायी गयी हैं. बरियातू की संस्था आशा और धुर्वा की संस्था इडीआइएसएस की जांच होगी. क्योंकि, इन दोनों संस्थाओं ने निबंधन के वक्त जिस जगह का जिक्र किया था, वहां जांच टीम को कुछ नहीं मिला था.
दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बताया कि संस्था का पता दूसरे जगह का है. इस पर डीडीसी श्री झा ने दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि सारे दस्तावेज उपलब्ध करायें. डीडीसी ने बताया कि सारी रिपोर्ट डीसी को सौंपी जायेगी. बताया गया कि जांच रिपोर्ट की प्रति संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी उपलब्ध करा दी जायेगी.
बैठक में ये लोग थे मौजूद : बैठक में एनडीसी राजेश कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी कंचन सिंह, कार्यपालक दंडाधिकारी रविशंकर, एनी रिंकू कुजूर, श्वेता कुमारी के अलावा सारे जांच पदाधिकारी मौजूद थे.
निर्मल हृदय का रजिस्टर अपडेट नहीं होना हैरत की बात है : कल्याणी शरण
रांची : राज्य महिला आयोग की टीम मंगलवार को मिशनरीज आॅफ चैरिटी के निर्मल हृदय केंद्र पर पहुंची. टीम में अध्यक्ष कल्याणी शरण सहित अन्य सदस्य व अधिकारी शामिल थे. जानकारी लेने के बाद अध्यक्ष श्रीमती शरण ने बताया कि सेवा के नाम पर निर्मल हृदय में हुई घटना शर्मशार करने वाली है.
मां से बच्चे को छीन कर बेचा जाना बहुत गलत है. अध्यक्ष ने बताया कि निरीक्षण के क्रम में पता चला कि इस संस्था में कई महत्वपूर्ण रजिस्टर अप-टू-डेट भी नहीं हैं. यह हैरत वाली बात है. टीम बरियातू में कुछ दिनों पूर्व हुई मां व बेटे की हत्या के मामले में जानकारी लेने घटना स्थल पहुंचीं. अध्यक्ष ने बताया कि पुलिस जांच कर रही है. जांच के बाद ही सही स्थिति का पता चल पायेगा. वैसे यह मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा भी हो सकता है.
बच्चा बेचने के मामले में शिबू भी गंभीर स्टीफन की अध्यक्षता में कमेटी बनायी
रांची. मिशनरीज ऑफ चैरिटी संस्थान से बच्चा बेचने से संबंधित मामले को झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने गंभीरता से लिया है. इस मामले की जांच को लेकर उन्होंने स्टीफन मरांडी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है. कमेटी में नलिन सोरेन, निरल पूर्ति, पौलूस सुरीन व चमरा लिंडा सदस्य बनाया गया है. कमेटी को संस्थानों की जांच कर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.
मैरी तिर्की पर बच्चा छीनने का लगाया आरोप
रांची. शिशु सदन से कस्टडी में लिये गये बच्चों के अभिभावकों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही समाजसेवी मैरी तिर्की पर बच्चा छीनने का आरोप लगाया गया है. इस संबंध में करुणा आश्रम की आेर से सीडब्ल्यूसी को शिकायत पत्र दी गयी है. शिकायत पत्र में कहा गया है कि सोमवार की रात 8.15 बजे रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में भर्ती बुधनी को लेकर हॉस्पिटल से जब निकल रहे थे, तो वीडियो बनाने के बहाने करुणा की कर्मी गीता से मैरी ने बच्चा छीन रही थी. उनका कहना था कि अपनी संस्था ठीक से चलाते नहीं, दूसरे को बदनाम करते हैं. हालांकि, मैरी तिर्की ने आरोप को पूरी तरह गलत बताया है.
समाज कल्याण पदाधिकारी भी निर्मल हृदय पहुंचीं, ली जानकारी
रांची : समाज कल्याण पदाधिकारी कंचन सिंह भी मंगलवार को निर्मल हृदय गयीं. उन्होंने कहा कि स्वीकारोक्ति के आधार पर चार एफआइआर में जिन चार बच्चों की बात हुई थी, उन्हें बरामदगी हो गयी है.
बाकी मिसिंग बच्चों के रिकॉर्ड सीडब्ल्यूसी को नहीं मिले हैं. उनकी जिला वार सूची बना कर संबंधित जिलों को भेजेंगे. प्रथमदृष्टया लगभग 58 बच्चे मिसिंग हैं, जिनके बारे में सीडब्ल्यूसी के रिकॉर्ड में पता नहीं चला है. इससे पहले का रजिस्टर हमें नहीं दिया गया.
रांची : चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने मंगलवार को मिशनरीज ऑफ चैरिटी से बेचे गये एक और बच्चे को दंपती को सौंप दिया है. बच्चे को उसी दंपती को सौंपा गया है, जहां से उसे बरामद किया गया था. सीडब्ल्यूसी ने दंपती को बच्चा सशर्त दिया है. बताया गया कि बच्चे को दो माह के लिए दिया गया है. वहीं, दंपती को हर सप्ताह बच्चे को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा. इस दौरान सीडब्ल्यूसी के सभी सदस्य भी मौजूद थे.
दंपती को बच्चा सौंपने के संबंध में पांच में से एक सदस्य श्रीकांत सहमत नहीं थे. उनका कहना था कि जांच पूरी होने के बाद ही बच्चे को सौंपा जाये. लेकिन, सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन रूपा कुमारी, प्रतिमा तिवारी, तनुश्री सरकार और कौशल किशोर ने एकमत होकर निर्णय लिया कि बच्चे के हित में उसे दंपती को सौंपना बेहतर है. दंपती को यह निर्देश दिया गया कि बच्चे को रांची से बाहर ले जाने से पहले इसकी सूचना सीडब्ल्यूसी को देनी होगी.
इन शर्तों पर दंपती को सौंप गया बच्चा
बगैर बताये शहर से बाहर नहीं जायेंगे.हर सप्ताह बच्चे को आयोग के समक्ष पेश करने होंगे. अगर बच्चा बीमार हो, तो इसकी भी जानकारी आयोग को देंगे. अपनी संपत्ति में भी बच्चे को अधिकार देंगे. अनुसंधान पुरी होने तक बच्चे को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करने होंगे.
विशेष जांच के बाद ही बच्चे सौंपे जायेंगे
विशेष जांच के बाद ही शिशु सदन से बरामद किये गये बच्चों को उनके परिजनों को सौंपा जायेगा. जांच के बाद पहले संबंधित जिला के सीडब्ल्यूसी को भेजा जायेगा. 13 जुलाई को खूंटी जिला के 8 बच्चों को उनके अभिभावकों की पहचान के बाद खूंटी सीडब्ल्यूसी के पास भेजा गया था.
लेकिन, खूंटी जाने के क्रम में अभिभावकों द्वारा बच्चे को शिशु सदन ले जाया गया. वहां की सिस्टर ने बुधु कंडीर नामक अभिभावक को बताया कि उसे उसके बेटे सागर कंडिर की जगह मंगरा नाग नामक बच्चे को दे दिया गया है.
इसके बाद बच्चे को फिर करुणा आश्रम के सुपुर्द कर दिया गया. इस घटना के बाद सीडब्ल्यूसी ने सभी बच्चों को स्पेशल वेरिफिकेशन के बाद ही अभिभावक को सौंपने का फैसला लिया है. सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा कुमारी ने बताया कि 25 जुलाई तक एक-एक कर के बच्चों को संबंधित सीडब्ल्यूसी को भेजा जायेगा.

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