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सांसद समीर उरांव ने सीबीसीआइ से पूछा सवाल, कहा, खूंटी में आठ करोड़ की जमीन खरीद-बिक्री का क्या है मामला

रांची : राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस अॉफ इंडिया के महासचिव बिशप थियोडर मास्करेन्हास के उस बयान पर आपत्ति जतायी है, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार विशेष धर्म के लोगों को निशाना बना रही है. श्री उरांव ने कहा कि सच्चाई इससे परे है. सीबीसीआइ को पहले इसका जवाब देना […]

रांची : राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस अॉफ इंडिया के महासचिव बिशप थियोडर मास्करेन्हास के उस बयान पर आपत्ति जतायी है, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार विशेष धर्म के लोगों को निशाना बना रही है.
श्री उरांव ने कहा कि सच्चाई इससे परे है. सीबीसीआइ को पहले इसका जवाब देना चाहिए कि खूंटी के खूंदी में आठ करोड़ की जमीन की खरीद-बिक्री के पीछे क्या मामला है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सीबीसीआइ ने नवंबर 2009 में सोसाइटी फॉर एजुकेशन नाॅर्थ इंडिया नाम से एक एनजीओ का रजिस्ट्रेशन कराया था. इसकी नियमावली में कहा गया कि एनजीओ के सदस्य पांच या 10 रुपये महीने में योगदान करेंगे. बोर्ड में नौ में से दो सदस्य झारखंड से हैं. पहला नाम कार्डिनल तेलेस्फोर टोप्पो और दूसरा नाम मोस्ट रेव्ह चार्ल्स सोरेन का है. इस एनजीओ ने जुलाई 2010 में खूंटी के खूंदी में 124 एकड़ 95 डिसमिल जमीन खरीदी थी. जमीन खरीदने के बाद जो तथ्य सामने आये हैं, वो काफी गंभीर हैं. इनकी जांच जरूरी है.
लोकतांत्रिक प्रक्रिया में धर्म का इस्तेमाल हथियार के रूप में नहीं होना चाहिए : सांसद ने कहा कि हम हर संप्रदाय, परंपरा का सम्मान करते हैं. लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया में धर्म का इस्तेमाल हथियार के रूप में नहीं किया जाना चाहिए. कानून से ऊपर कोई नहीं है. सरकार कुछ विशेष लोगों की नहीं होती है.
वर्तमान सरकार साढ़े तीन करोड़ झारखंडवासियों की है. सरना और मसीही दोनों अलग-अलग हैं. सरना जहां प्रकृति की पूजा करते हैं, वहीं मसीह ईसाई पोप और रोम को माननेवाले लोग हैं. चर्च लाख प्रयत्न कर ले आदिवासी भाई-बहनों को देवी-देवता और प्रकृति पूजा से दूर नहीं कर सकता.
पुलिस जांच में मामला सही पाया गया
श्री उरांव ने कहा कि एनजीओ ने जमीन खरीद के डीड में बताया है कि इसकी कीमत 2.26 करोड़ रुपये है. एनजीओ बनाने के साल भर में इतनी बड़ी कीमत की जमीन खरीदी गयी. एनजीओ के लोग जब जमीन पर बाउंड्री कराने पहुंचे, तो ग्रामीणों ने इसे सरकारी जमीन कह कर विरोध कर दिया.
जब एनजीओ को लगा कि बाउंड्री नहीं करा पायेंगे, तो जमीन बेचनेवाले संजय कुजूर पर सीबीसीआइ ने रांची के लोअर बाजार थाना में केस (कांड संख्या 298/15) कर दिया. डीड में 2.26 करोड़ में खरीदारी की बात की गयी, जबकि केस में कहा गया कि संजय कुजूर को जमीन के एवज में आठ करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. पैसों का भुगतान इंडियन ओवरसीज बैंक के चेक के माध्यम से किया गया. पुलिस ने जांच की, तो मामला सही पाया गया. संजय कुजूर फरार है.

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