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रांची : अब डबल फोर्टिफाइड की जगह बंटेगा आयोडिन नमक

संजय खाद्य आपूर्ति विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर विभागीय मंत्री से ले लिया है अनुमोदन रांची : झारखंड की जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों में डबल फोर्टिफाइड की जगह अब आयोडिन नमक बंटेगा. खाद्य आपूर्ति विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर विभागीय मंत्री का अनुमोदन ले लिया है. अब कैबिनेट से सहमति […]

संजय

खाद्य आपूर्ति विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर विभागीय मंत्री से ले लिया है अनुमोदन

रांची : झारखंड की जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों में डबल फोर्टिफाइड की जगह अब आयोडिन नमक बंटेगा. खाद्य आपूर्ति विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर विभागीय मंत्री का अनुमोदन ले लिया है. अब कैबिनेट से सहमति लेकर इसे राज्य में लागू किया जायेगा.

अभी पीडीएस दुकानों से लाभुकों को डबल फोर्टिफाइड (आयोडिन के साथ अायरन) नमक दिया जाता है. इसमें आयोडिन के अलावा आयरन भी मिला होता है. दरअसल यह निर्णय दो बातों के मद्देनजर लिया गया है. पहला कि आयरन सभी लोगों के लिए जरूरी नहीं है. जिन लोगों में आयरन की कमी होती है, उन्हें ही आयरन दिया जाना चाहिए. रिम्स के डॉ विद्यापति के अनुसार इसकी अधिकता से लीवर खराब होने का खतरा होता है. वहीं यह शरीर के विभिन्न अंगों में जमा हो जाता है. दूसरी वजह यह है कि भारत सरकार ने पीडीएस दुकानों के माध्यम से डबल फोर्टिफाइड नमक की कोई अनुशंसा भी नहीं की है.

दरअसल, डबल फोर्टिफाइड नमक का इस्तेमाल आंगनबाड़ी में होना चाहिए, जहां बच्चे, किशोरियां तथा गर्भवती व धात्री महिलाएं पोषाहार के लिए अाती हैं. इन समूहों में खून की कमी रहने, यानी इनके एनिमिक होने की संभावना अधिक होती है. इन्हीं कारणों से विभाग ने करीब डेढ़ वर्ष पहले शुरू किये गये डबल फोर्टिफाइड नमक के बदले फिर से सिर्फ आयोडिन नमक के वितरण का निर्णय लिया है.

इस निर्णय से नमक की खरीद पर होने वाला खर्च भी कम होगा. डबल फोर्टिफाइड नमक थोक में जहां 11-12 रु प्रति किलो की दर से मिलता है. वहीं आयोडिन नमक सात-आठ रु प्रति किलो की दर पर उपलब्ध है. गौरतलब है कि सरकार ग्रामीण व शहरी इलाके में प्रति लाभुक परिवार को हर माह एक किलो नमक एक रु किलो की अनुदानित दर पर उपलब्ध कराती है.

कैबिनेट से सहमति लेकर इसे राज्य में लागू किया जायेगा

आंगनबाड़ी केंद्र से हो नमक का वितरण

एक विभागीय अधिकारी ने अपने अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि पीडीएस से नमक का वितरण बंद होना चाहिए. इसके उठाव में न तो पीडीएस डीलरों की रुचि है अौर न ही उपभोक्ताअों की. सिर्फ नमक के लिए कोई पीडीएस दुकान नहीं जाता. फिर उस समय नमक उपलब्ध है या नहीं, यह भी एक मुद्दा है. यही वजह है कि नमक कहीं पीडीएस डीलर के पास, तो कहीं राज्य खाद्य निगम के गोदाम में पड़े रहते हैं. इनसे गोदाम भी खराब होता है. उक्त अधिकारी ने सुझाव दिया कि नमक का वितरण आंगनबाड़ी केंद्रों को सौंप देना चाहिए. खाना बनाने का काम ज्यादातर महिलाएं ही करती हैं. ऐसे में वे इसका महत्व ज्यादा समझेंगी.

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