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रांची : बढ़ाया जा रहा उत्पादन, पावर प्लांटों को कोयले की कमी नहीं होने दी जायेगी

प्रथम तिमाही में 17 प्रतिशत उत्पादन वृद्धि, बोले सीएमडी शीघ्र ही सीसीएल खोलेगा मेडिकल कॉलेज खेल विश्वविद्यालय भी प्रक्रिया में रांची : सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि कंपनी कोयला उत्पादन लक्ष्य 76.35 मिलियन टन की ओर अग्रसर है. कंपनी ने प्रथम तिमाही में 11 जुलाई तक कोयला उत्पादन में 17 प्रतिशत की […]

प्रथम तिमाही में 17 प्रतिशत उत्पादन वृद्धि, बोले सीएमडी

शीघ्र ही सीसीएल खोलेगा मेडिकल कॉलेज

खेल विश्वविद्यालय भी प्रक्रिया में

रांची : सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि कंपनी कोयला उत्पादन लक्ष्य 76.35 मिलियन टन की ओर अग्रसर है. कंपनी ने प्रथम तिमाही में 11 जुलाई तक कोयला उत्पादन में 17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.

जबकि ओवरबर्डन में 41 प्रतिशत का ग्रोथ रहा है. सीसीएल ने वित्तीय वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में 11.4 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है. साथ ही कोयला भेजने में 11 प्रतिशत की डबल डिजिट हासिल करते हुए 17.7 मिलियन टन कोयला भेजा है. पावर क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हासिल की है.

सीएमडी गुरुवार को मुख्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उनके साथ डीके घोष, एके मिश्रा, एके श्रीवास्तव, डीके श्रीवास्तव व आरएस महापात्रा उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि सीसीएल का विशेष ध्यान आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने और वर्षों से अटकी हुई कई बहुप्रतीक्षित व महात्वाकांक्षी योजनाओं को कार्यान्वित करने पर रहा है.

इसका सकारात्मक बदलाव चालू वित्तीय वर्ष में देखने को मिलने की संभावना है.पहली तिमाही के प्राप्त परिणाम इसके सूचक हैं. बिजली की मांग बढ़ रही है इसलिए कोयले की भी मांग बढ़ी है. सीसीएल उत्पादन बढ़ाकर मांग पूरी कर रहा है. सभी के सहयोग से सीसीएल आगे बढ़ रहा है. बिजली की मांग बढ़ने का अर्थ है कि राष्ट्र में विकास तेजी से हो रहा है.

डीएमएफ में सीसीएल ने 1163 करोड़ रुपये दिये हैं

खदानों में 25 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर पानी

सीएमडी ने बताया कि सीसीएल के खदानों में लगभग 25,000 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है. खनन के बाद बंद खदानों में जमा पानी को उचित ट्रीटमेंट कर खदान के आसपास रहने वाले लोगों को पेयजल और सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जायेगा. इसके लिए सरकार के साथ एमओयू हुआ है. इस समझौते के तहत ट्रीटमेंट के बाद लोगों को पानी उपलब्ध कराया जायेगा. कंपनी वर्तमान में 74 गांवों में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करा रही है.

जल्द खुलेगा सीसीएल का मेडिकल कॉलेज

सीएमडी ने बताया कि सरकार के साथ मिल कर जल्द ही एक मेडिकल कॉलेज खोला जायेगा.कॉलेज कब और कहां खुलेगा इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार जगह चिह्नित कर रही है. खेल विश्वविद्यालय खोलने के प्रश्न पर कहा कि सरकार से इसकी स्वीकृति मिल गयी है. राज्यपाल से स्वीकृति मिलते ही आगे की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी. कोयला आपूर्ति को लेकर सीसीएल व टीवीएनएल के बीच विवादों पर सीएमडी ने कहा, टीवीएनएल चले यह सरकार चाहती है. सरकार, सीसीएल और टीवीएनएल का यह संयुक्त प्रयास होना चाहिए कि टीवीएनएल चले. सीसीएल प्रयास करता है कि टीवीएनएल को कोयले की कमी नहीं हो.

डीएमएफ में 1163 करोड़ झारखंड को दिये गये

सीएमडी ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (डीएमएफ) के तहत खनन क्षेत्रों के विकास के लिए सीसीएल सरकार के डीएमएफ फंड में अब तक 1163 करोड़ रुपये दे चुकी है. जिसमें वर्ष 2016-17 में 660 करोड़, 17-18 में 425 करोड़ और 18-19 में 78 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं. खानों के लिए भूमि अधिग्रहण के सवाल पर उन्होंने कहा कि खदानों के लिए जमीन की आवश्यकता है. सरकार का इसमें सकारात्मक सहयोग रहा है.

ग्रामीण, गरीबों व श्रमिकों का विकास

सीएमडी ने कहा कि सीसीएल की मुख्य प्राथमिकता ग्रामीण, गरीबों और श्रमिकों का सर्वांगीण विकास है. कंपनी अपने सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत विभिन्न परियोजनाआें के माध्यम से समावेशी विकास के लिए प्रयत्नशील है. इसी के तहत खेलगांव में खेल अकादमी की शुरुआत जुलाई 2016 में की गयी थी. इसमें अभी 348 बच्चे हैं. जिसमें 98 प्रतिशत बच्चे एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग से हैं. जल्द ही इसका विस्तार किया जायेगा. उसके बाद यहां बच्चों की संख्या 1400 हो जायेगी.

रांची की सड़कों पर कोई बच्चा भीख न मांगे

श्री सिंह ने बताया कि कांके रोड में जनवरी से आरंभ किये गये कायाकल्प पब्लिक स्कूल में गरीब बच्चों को कक्षा एक में दाखिला दिला कर पढ़ाया जा रहा है. जिसे 12वीं तक किया जायेगा. इस स्कूल का उद्देश्य है कि गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाये. वह चाहते हैं कि रांची में कोई भी बच्चा भीख न मांगे, बल्कि वे भी बेहतर शिक्षा ग्रहण करें और ऐसे बच्चों के लिए ही कायाकल्प स्कूल है.

सीएमडी ने कहा कि भुरकुंडा में आइटीआइ की स्थापना की गयी है. यहां के शत प्रतिशत बच्चों का प्लेसमेंट होता है. इसके अलावा मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर बरकाकाना में विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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