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झारखंड के ये तीन भाजपा सांसद बोले, मंत्री जी, कृप्या बिजली संकट से निजात दिलायें

रांची : झारखंड के शहरों में मुश्किल से 24 घंटे में 10 से 12 घंटे बिजली आपूर्ति होती है. जबकि गांव अंधेरे में डूबा रहता है. कृप्या झारखंड को बिजली दिलायें. उक्त बातें झारखंड के ही तीन भाजपा सांसदों ने केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह से कोलकाता में कही. डीवीसी के स्थापना दिवस […]

रांची : झारखंड के शहरों में मुश्किल से 24 घंटे में 10 से 12 घंटे बिजली आपूर्ति होती है. जबकि गांव अंधेरे में डूबा रहता है. कृप्या झारखंड को बिजली दिलायें.
उक्त बातें झारखंड के ही तीन भाजपा सांसदों ने केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह से कोलकाता में कही. डीवीसी के स्थापना दिवस के मौके पर शनिवार को आयोजित समीक्षा बैठक में सांसद पीएन सिंह (धनबाद), रवींद्र पांडे (गिरिडीह) और सुनील सिंह (चतरा) मौजूद थे. इस मौके पर डीवीसी के चेयरमैन प्रवीर मुखोपध्याय, झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय और ऊर्जा सचिव नितिन मदन कुलकर्णी भी उपस्थित थे.
सांसद पीएन सिंह ने उठाया मुद्दा : समीक्षा बैठक के दौरान सांसद पीएन सिंह ने कहा- मंत्री जी (केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री) डीवीसी को कहिए ना कि मेरे इलाके में मुकम्मल बिजली आपूर्ति करें. मुश्किल से 10-12 घंटे ही बिजली रहती है. इस पर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह चौंक पड़े. उन्होंने चतरा सांसद सुनील सिंह से पूछा, ऐसा है क्या? इस पर सुनील सिंह ने कहा- सांसद पीएन सिंह ने 10-12 घंटे बिजली आपूर्ति की बात कह भी दिये, हमारे यहां तो बिजली रहती ही नहीं.
चतरा के दर्जनों गांवों में विद्युतीकरण हुआ ही नहीं है. जहां हुआ है, वहां बिजली का हाल बुरा है. इस पर केंद्रीय मंत्री ने उपस्थित राज्य के ऊर्जा सचिव नितिन मदन कुलकर्णी से इस संबंध में पूछा. ऊर्जा सचिव ने कहा कि आजकल आंधी-पानी के कारण बिजली आपूर्ति में परेशानी आ रही है.
इस पर केंद्रीय मंत्री ने उनसे कहा कि गांवों में 20 घंटे और शहर में 24 घंटे बिजली मिले यह इंश्योर कीजिए. मैं खुद सीएम से बात करूंगा. दरअसल कुछ महीने पहले राज्य की समीक्षा बैठक में भाग लेने झारखंड आये केंद्रीय राज्यमंत्री आरके सिंह को बताया गया था कि यहां 20 से 22 घंटे बिजली आपूर्ति की जाती है.
झारखंड बकाया राशि डीवीसी को दे
इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री को बताया गया कि डीवीसी का झारखंड पर तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक बकाया है. यह सुन उन्होंने फौरन राज्य के ऊर्जा सचिव को बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया. डीवीसी के चेयरमैन प्रवीर मुखोपाध्याय ने कहा कि सिर्फ झारखंड से बकाया मिल जाये तो डीवीसी मुनाफे में आ जायेगा.
वही सांसद सुनील सिंह ने कहा कि डीवीसी का एक बड़ा कार्यालय झारखंड में हो जिस पर सहमति बन गयी. वहीं डीवीसी को भी एक्ट के अनुरूप काम करने का निर्देश दिया गया. डीवीसी चेयरमैन ने कहा की डीवीसी झारखंड को पर्याप्त मात्रा में बिजली आपूर्ति करता है, पर झारखंड का वितरण नेटवर्क कमजोर होने के कारण बिजली कटी रहती है. बिजली वितरण निगम यदि बकाये का भुगतान नहीं करता है, तो मजबूरन बिजली की कटौती करनी पड़ेगी.

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