रांची : सरकार ने मान लिया है कि दुमका में महिला कॉलेज, मजिस्ट्रेट कॉलोनी (डीआइजी आवास सहित) और स्टेडियम का निर्माण वन भूमि पर किया गया है. सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तब तत्कालीन उपायुक्तों व वरीय पदाधिकारियों ने वन विभाग की नहीं सुनी थी. वहां का राजभवन जंगल-झाड़ पर बना है. दुमका के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने इससे संबंधित प्रतिवेदन से वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया है. इससे संबंधित मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी), कोलकाता में चल रहा है. वहां सरकार की ओर से शपथ पत्र भी दायर करना है. एनजीटी में रामलखन सिंह ने मामला दर्ज कराया है. बताया गया कि मजिस्ट्रेट कॉलोनी को छोड़ कर तीनों कंस्ट्रक्शन संयुक्त बिहार के समय हुआ था.
Advertisement
मजिस्ट्रेट कॉलोनी को छोड़ कर तीनों कंस्ट्रक्शन संयुक्त बिहार के समय हुआ था
रांची : सरकार ने मान लिया है कि दुमका में महिला कॉलेज, मजिस्ट्रेट कॉलोनी (डीआइजी आवास सहित) और स्टेडियम का निर्माण वन भूमि पर किया गया है. सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तब तत्कालीन उपायुक्तों व वरीय पदाधिकारियों ने वन विभाग की नहीं सुनी थी. वहां का राजभवन जंगल-झाड़ पर बना है. […]
मजिस्ट्रेट कॉलोनी, डीआइजी आवास व पुलिस लाइन : डीएफओ ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि मजिस्ट्रेट कॉलोनी, डीआइजी (पुलिस) आवास का कुछ हिस्सा व पुलिस लाइन का निर्माण अधिसूचित वन भूमि पर किया गया है. इसमें दुमका के तत्कालीन डीएफओ ने उपायुक्त को 2005 और 2007 में पत्र लिखकर मजिस्ट्रेट कॉलोनी के निर्माण को फॉरेस्ट एक्ट के उल्लंघन की बात कही थी. इसमें कहा गया था कि तीनों कंस्ट्रक्शन वन भूमि पर अतिक्रमण कर किया जा रहा है. इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की गयी.
सरकार ने अपनी रिपोर्ट में किया है इस बात का उल्लेख
राजभवन
डीएफओ ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि वर्तमान राजभवन का निर्माण आजादी से पहले हुआ था. यह उस वक्त डीएफओ का आवास होता था. यह अधिसूचित वन भूमि में नहीं पड़ता है. रिकाॅर्ड में इसे जंगल-झाड़ बताया गया है. झारखंड अलग राज्य होने के बाद दुमका डीएफओ के आवास को राजभवन घोषित किया गया है. यहां फॉरेस्ट एक्ट (सी)-1980 का उल्लंघन नहीं हुआ है.
आउटडोर स्टेडियम
अपनी रिपोर्ट में डीएफओ ने जिक्र किया है कि इसका निर्माण 1989 में हुआ था. तत्कालीन डीएफओ ने 17.05.1989 में जिले के उपायुक्त को पत्र लिख कर निर्माण कार्य रोकने का आग्रह किया था. इसकी जानकारी तत्कालीन आयुक्त को भी दी गयी थी. तत्कालीन बिहार सरकार ने डीएफओ के इस आग्रह को मानने से इनकार कर दिया था. इसके निर्माण में एक्ट का उल्लंघन हुआ है.
महिला कॉलेज
दुमका में महिला कॉलेज और हॉस्टल वन भूमि पर बनाये जाने की पुष्टि डीएफओ ने की है. उन्होंने लिखा है कि 27.07.1976 में तत्कालीन डीएफओ ने उपायुक्त को पत्र लिखकर इसका निर्माण रोकने का आग्रह किया था. 1989 में कॉलेज के प्राचार्य और उपायुक्त को भी निर्माण नहीं करने का पत्र लिखा गया था. इसके बावजूद निर्माण कार्य नहीं रोका गया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement