Advertisement
वार्ड को लेकर शुरू हो गयी किचकिच
रांची : रिम्स के कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग का मॉड्यूलर ओटी तैयार हो चुका है. कोशिश की जा रही है कि तीन-चार महीने में हार्ट सर्जरी शुरू कर दी जाये. लेकिन, इससे पहले ही कार्डियोलॉजी विभाग और सीटीवीएस विभाग में बेडों को लेकर किचकिच शुरू हो गयी है. रिम्स के सुपरस्पेशियलिटी विंग […]
रांची : रिम्स के कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग का मॉड्यूलर ओटी तैयार हो चुका है. कोशिश की जा रही है कि तीन-चार महीने में हार्ट सर्जरी शुरू कर दी जाये. लेकिन, इससे पहले ही कार्डियोलॉजी विभाग और सीटीवीएस विभाग में बेडों को लेकर किचकिच शुरू हो गयी है.
रिम्स के सुपरस्पेशियलिटी विंग में हृदय रोग के इलाज के लिए विभाग कार्यरत हैं. पहला है कार्डियोलॉजी विभाग, जो चार साल से चल रहा है. यहां एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, इको और पेसमेकर लगाने का काम होता है. वहीं, दूसरा विभाग है सीटीवीएस, जहां फिलहाल ओपीडी ही चल रहा है. विभाग में दो सर्जन हैं, लेकिन ओटी, आइसीयू व जरूरी उपकरणों के अभाव में हार्ट सर्जरी शुरू नहीं हो पायी है.
इस मुद्दे पर है किचकिच : रिम्स प्रबंधन ने ई-हॉस्पिटल शुरू करने के लिए सीटीवीएस को अपने वार्ड की स्थिति की जानकारी देने को कहा. विभाग की ओर से ओटी और आइसीयू की जानकारी दी गयी, लेकिन वार्ड को लेकर मामला फंस गया. विभाग के डॉक्टरों की मानें, तो कार्डियाेलॉजी विभाग के डॉक्टर दूसरे तल्ले पर अपना वार्ड छोड़ने को तैयार नहीं हैं. काफी आग्रह करने पर कुछ बेड देने की बात की जा रही है, जबकि सीटीवीएस को कुछ बेड से काम चलने वाला नहीं है.
शुक्रवार को सीटीवीएस के विभागाध्यक्ष डॉ अंशुल कुमार ने अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप से इसी मुद्दे पर मुलाकात की. उन्होंने अधीक्षक को बताया कि दूसरे तल्ले पर सीटीवीएस को ओटी और आइसीयू की जगह दी गयी है. जबकि दूसरे भाग को कार्डियोलॉजी विंग ने वार्ड बना रखा है. ऐसे में सीटीवीएस विभाग के पास कोई वार्ड नहीं है.
उन्होंने अधीक्षक से विभाग के लिए वार्ड उपलब्ध कराने का आग्रह किया है. इस पर अधीक्षक ने आश्वासन दिया कि सुपर स्पेशियलिटी विंग में संचालित यूरोलॉजी, पीडियेट्रिक सर्जरी, कार्डियोलॉजी व सीटीवीएस के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर निर्णय लिया जायेगा.
सुझाये हैं दो विकल्प
पहला विकल्प : दूसरे तल्ले को पूरी तरह से सीटीवीएस विभाग को सौंप दिया जाये
दूसरा विकल्प : दूसरे तल्ले पर स्थित कार्डियोलॉजी वार्ड से छह बेड पुरुष और छह बेड महिला के लिए दिये जायें. साथ ही छह केबिन भी दिये जायें. इसके अलावा एक दर्जन बेड किसी अन्य वार्ड में दिये जायें.
पांचों फ्लोर की स्थिति
ग्राउंड फ्लोर : कार्डियोलॉजी व सीटीवीएस का ओपीडी एवं पीडियेट्रिक सर्जरी का ओपीडी
फर्स्ट फ्लोर : यूरोलॉजी विभाग का ओपीडी अौर वार्ड
सेकेंड फ्लोर : सीटीवीएस का ओटी, आइसीयू और कार्डियोलॉजी का वार्ड
थर्ड फ्लोर : कार्डियोलॉजी का अाइसीयू और कैथलैब
फोर्थ फ्लोर : पीडियेट्रिक सर्जरी और सेमिनार हॉल
फिफ्थ फ्लोर : पीडियेटिक सर्जरी और यूरोलॉजी का ओटी
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement