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5 जुलाई के झारखंड बंद पर विपक्ष ने बनायी रणनीति, रांची के प्रमुख 10 क्षेत्रों से निकाला जायेगा मशाल जुलूस

दो जुलाई को पत्र के माध्यम से व्यापारियों, वाहन मालिकों एवं आम जनता से करेंगे बंद की अपील तीन जुलाई को सभी प्रखंड, मंडल, चौक-चौराहों में नुक्कड़ सभा चार जुलाई को शाम में सभी प्रखंड, मंडल सहित राजधानी के प्रमुख 10 क्षेत्रों से निकाला जायेगा मशाल जुलूस रांची : भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ पांच […]

दो जुलाई को पत्र के माध्यम से व्यापारियों, वाहन मालिकों एवं आम जनता से करेंगे बंद की अपील
तीन जुलाई को सभी प्रखंड, मंडल, चौक-चौराहों में नुक्कड़ सभा
चार जुलाई को शाम में सभी प्रखंड, मंडल सहित राजधानी के प्रमुख 10 क्षेत्रों से निकाला जायेगा मशाल जुलूस
रांची : भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ पांच जुलाई को बुलाये गये बंद को लेकर रविवार को विपक्षी दलों ने रणनीति बनायी गयी. लेक रोड स्थित ज्योति पब्लिक स्कूल में बुलायी गयी बैठक में बंद को लेकर कई निर्णय लिये गये. इसके तहत दो जुलाई को पत्र के माध्यम से व्यापारियों, वाहन मालिकों एवं आम जनता से बंद करने की अपील की जायेगी.
तीन जुलाई को सभी प्रखंड, मंडल, चौक-चौराहो में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया जायेगा. चार जुलाई को शाम में सभी प्रखंड, मंडल सहित राजधानी के प्रमुख 10 क्षेत्रों से मशाल जुलूस निकाला जायेगा. इसमें विपक्षी दलों के नेता व कार्यकर्ता शामिल होंगे. बैठक की अध्यक्षता झाविमो के केंद्रीय सचिव राजीव रंजन मिश्रा और संचालन झाविमो नेता जितेंद्र वर्मा ने किया.
श्री मिश्रा ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की इस तुगलकी फरमान के खिलाफ पांच जुलाई की बंदी ऐतिहासिक होगी. जिस प्रकार से रघुवर सरकार को जन दबाव एवं विपक्षी दलों के आंदोलन के आगे सीएनटी-एसपीटी एक्ट के मामले में घुटना टेकना पड़ा था, वैसे ही इस जनविरोधी फैसले से पीछे हटना पड़ेगा.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम एवं महानगगर अध्यक्ष संजय पांडे ने कहा कि सरकार के निर्णय से पूरे राज्य में हाहाकार मचा हुआ है. सरकार एक तरफ हिंदू से मुसलमान को, सरना को ईसाई से, मुसलमान को आदिवासी से लड़ा कर फूट डालो एवं राज करो की राजनीति कर रही है.
उन्होंने कहा कि अगर यह कानून राज्य में लागू हो गया, तो आदिवासी-मूलवासी पलायन कर जायेंगे. इस अध्यादेश को सरकार हर हाल में वापस ले. झामुमो नेता अंतु तिर्की ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून झारखंड के आदिवासियों-मूलवासियों के लाश पर ही लागू हो सकता है. भूमि अधिग्रहण कानून के आग में जलकर यह सरकार राख हो जायेगी.
बैठक को राजद के अब्दुल गफ्फार, सीपीआइ नेता अजय सिंह, मासस के सुशांतो मुखर्जी, माले के नदीम खान,एआइएसएफ के मेहुल मृगेंद्र, झारखंड तंजीम के महबूब आलम, कुरैश पंचायत के मुजीब कुरैशी, आदिवासी सेना के शिवा कच्छप, मुन्ना बड़ाइक, आदिवासी मोर्चा के दीपू गाड़ी, छात्र परिषद के आशीष कुमार ने भी संबोधित किया.
मौके पर भूपेंद्र सिंह, नजीबुल्लाह खान, राम मनोज साहू, गीता नायक, नदीम इकबाल, पंकज पांडेय, कमलेश यादव, रहमत अली, प्रियंका सिसोदिया, संजय भगत, कुमार रोशन, पीयूष आनंद, तन्नु आलम, अशोक श्रीवास्तव, अविनाश कुमार, नेहा सिंह, राहुल सहदेव, महाबीर नायक, अभय सिंह, मो रॉकी, विद्या सिंह, सुरेश शर्मा, रितेश साहू, भीम शर्मा, राकेश सिंह, मोहसिन खान समेत कई दलों के कार्यकर्ता मौजूद थे.

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