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रांची : उपाधीक्षक करते रहे दावा, यहां दलाल ने मरीज के परिजन से ठग लिये 900 रुपये
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में दूर-दराज से गरीब व अनपढ़ मरीज बेहतर इलाज के लिए आते है, लेकिन इलाज के नाम पर मरीजाें को हर कदम ठगा जाता है. रिम्स में काउंसेलिंग के लिए कोई हेल्प डेस्क नहीं है, जिससे अनपढ़ मरीज को पता चल सके कि कहां ओपीडी है, कहां जांच होता […]
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में दूर-दराज से गरीब व अनपढ़ मरीज बेहतर इलाज के लिए आते है, लेकिन इलाज के नाम पर मरीजाें को हर कदम ठगा जाता है. रिम्स में काउंसेलिंग के लिए कोई हेल्प डेस्क नहीं है, जिससे अनपढ़ मरीज को पता चल सके कि कहां ओपीडी है, कहां जांच होता है या कहां से खून व दवा मिलती है.
नतीजा यह होता है कि मरीज व उनके परिजन ठगे जाते है. रविवार को पोस्टमार्टम के नाम पर 1500 रुपये मांगे जाने की शिकायत पर उपाधीक्षक ने जांच की और दावा किया कि ऐसा कोई मामला नहीं है और यहां पैसेे नहीं लिये जाते है, लेकिन दूसरे दिन सोमवार को जांच के नाम पर ठगी का दूसरा मामला सामने आ गया.
रांची : बिहार नवादा की रहने वाली रोशनी कुमारी (20 साल) रिम्स के सर्जरी विभाग में 22 जून से ही भर्ती है. दिल्ली में रोशनी की बच्चेदानी के शिस्ट का ऑपरेशन किया गया था, लेकिन ऑपरेशन के बाद लगाये गये टांकों से युवती का स्टूल पास हो रहा है. वह इसी के इलाज के लिए रिम्स में भर्ती हुई है.
डॉक्टर देखने के बाद कुछ आवश्यक जांच कराने के लिए लिखा था. परिजन जब जांच के लिए जा रहा था, तभी एक दलाल अति आवश्यक जांच की बात कही. उसने कहा कि वह जल्दी जांच करा देगा, जिसके लिए 900 देने पड़ेंगे. रोशनी के मामा ने दलाल को यहां का कर्मचारी समझ कर रुपये दे दिया, लेकिन जांच के लिए तीन दिन तक कोई नहीं अाया.
परिजन को दोबारा जांच के लिए मेडॉल में 800 रुपये देने पड़े. रोशनी के मामा ने उपाधीक्षक से शिकायत करते हुए कहा कि उसके पास पैसे नहीं बचे हैं, लेकिन किसी तरह इंतजाम कर मेडॉल में जांच कराने आया है. कृपा कर उस दलाल से मेरे पैसे वापस दिला दीजिये. उपाधीक्षक ने परिजन से लिखित शिकायत करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि शिकायत करने पर वह उसकी जांच को मुफ्त कराने का प्रयास करेंगे.
छवि खराब करती हैं ये घटनाएं
रिम्स के पोस्टमार्टम विंग में एक परिजन से एक कर्मचारी ने रिपोर्ट देने के नाम पर 2000 रुपये की मांग की. बाद में मामला 200 रुपये में पटा. परिजन से कर्मचारी ने 200 रुपये लिये, लेकिन परिजनों ने इसकी वीडियो बनायी. वीडियो वायरल हो गया, जिसके बाद रिम्स प्रबंधन ने कर्मचारी को निलंबित कर दिया. वहीं रविवार को पोस्टमार्टम कराने के लिए 1500 रुपये मांगने का आरोप एक परिजन ने लगाया, लेकिन बाद में उपाधीक्षक ने कहा कि आरोप निराधार है.
मरीज के परिजन ही पैसा देकर काम कराने के लिए आतुर दिखते हैं, इसलिए ठगी रोकना चुनौती है. जबकि, दलालों से बचने के लिए जगह-जगह सूचना चस्पां करायी गयी है. परिजनों से आग्रह है कि रिम्स परिसर में कोई पैसा मांगता है, तो उसे पैसे नहीं दें. साथ ही ऐसे लोगों की शिकायत करें.
डॉ विवेक कश्यप, अधीक्षक रिम्स
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