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झारखंड हाइकोर्ट ने जेलर को किया निलंबित, अवमानना नोटिस जारी
अधिवक्ताआें की रिपाेर्ट पर सुनवाई, अवमानना नाेटिस जारी रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने संभवत: पहली बार सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के किसी अधिकारी को निलंबित किया है. कोर्ट ने शुक्रवार को स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिन के 1.45 बजे से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के जेलर चंद्रशेखर […]
अधिवक्ताआें की रिपाेर्ट पर सुनवाई, अवमानना नाेटिस जारी
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने संभवत: पहली बार सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के किसी अधिकारी को निलंबित किया है. कोर्ट ने शुक्रवार को स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिन के 1.45 बजे से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के जेलर चंद्रशेखर प्रसाद सुमन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.
उनका निलंबन हाइकोर्ट द्वारा गठित अधिवक्ताअों की टीम के साथ किये गये व्यवहार को देखते हुए किया गया. जेल आइजी को मामले की जांच कर शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस अमिताभ कुमार गुप्ता की खंडपीठ में हुई.
खंडपीठ ने जेलर चंद्रशेखर प्रसाद सुमन को निलंबित करने के बाद उनके खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया. उन्हें जवाब देने का निर्देश दिया गया.
मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी. खंडपीठ ने जेल प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जब भी कहीं हाइकोर्ट द्वारा गठित कमेटी स्थल निरीक्षण के लिए जाती है, तो मानना चाहिए कि वह निरीक्षण हाइकोर्ट का है. कमेटी को भी वही सम्मान मिलना चाहिए, जो सम्मान हाइकोर्ट को मिलता है. राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने पक्ष रखा.
दो राउंड में हुई सुनवाई : चार सदस्यीय अधिवक्ताअों की टीम की स्थलीय जांच रिपोर्ट देखने के बाद खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के सुपरिटेंडेंट व जेलर को सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया.
आनन-फानन में दोनों अधिकारी लगभग 1.30 बजे अदालत पहुंचे. पुन: मामले की सुनवाई शुरू हुई. बिरसा मुंडा जेल के सुपरिटेंडेंट द्वारा खंडपीठ को बताया गया कि उस दिन वे छुट्टी पर थे. जेलर प्रभार में थे. हाइकोर्ट की कमेटी के प्रति जेलर के व्यवहार पर खंडपीठ ने नाराजगी जतायी आैर निलंबित कर दिया.
अधिवक्ताअों की टीम ने सात अप्रैल को किया था निरीक्षण
सुनवाई के दौरान अधिवक्ताअों की टीम ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची, जयप्रकाश नारायण सेंट्रल जेल हजारीबाग, सेंट्रल जेल पलामू, सेंट्रल जेल दुमका व सेंट्रल जेल घाघीडीह जमशेदपुर की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की.
कमेटी की अोर से खंडपीठ को बताया गया कि सात अप्रैल को बिरसा मुंडा जेल का निरीक्षण किया गया. जेल के निरीक्षण के दाैरान जेलर चंद्रशेखर प्रसाद सुमन ने अपर डिवीजन सेल के एक कमरे की चाबी मांगने पर भी नहीं दी. कहा कि चाभी प्रिजनर दिल्ली लेकर चले गये हैं. उस कमरे का निरीक्षण नहीं हो पाया.
उल्लेखनीय है कि हाइकोर्ट ने 29 जनवरी 2018 को मामले की सुनवाई के दाैरान जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को रखे जाने को गंभीरता से लेते हुए अधिवक्ताअों की कमेटी गठित की थी. कमेटी में अतानू बनर्जी, ऋषि पल्लव, ऋचा संचिता व कुमार सुंदरम को शामिल किया था.
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