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नगर पालिका अधिनियम 2011 में किया गया प्रावधान

रांचीः रांची नगर निगम अब आदिवासी जमीन पर बने भवनों से भी टैक्स वसूलेगा. नगर पालिका अधिनियम 2011 में इसका प्रावधान किया गया है. नयी व्यवस्था के तहत शहर में बने हर घर से रांची नगर निगम टैक्स वसूलेगा. यदि किसी व्यक्ति ने आदिवासी जमीन पर भवन बनाया है या विवादित जमीन पर भवन का […]

रांचीः रांची नगर निगम अब आदिवासी जमीन पर बने भवनों से भी टैक्स वसूलेगा. नगर पालिका अधिनियम 2011 में इसका प्रावधान किया गया है. नयी व्यवस्था के तहत शहर में बने हर घर से रांची नगर निगम टैक्स वसूलेगा. यदि किसी व्यक्ति ने आदिवासी जमीन पर भवन बनाया है या विवादित जमीन पर भवन का निर्माण कराया गया है, तो भी नगर निगम उस भवन से टैक्स वसूलेगा. इस टैक्स का नाम निगम ने प्रोपर्टी टैक्स रखा है.

टैक्स नहीं होगा मालिकाना हक का आधार

नगर निगम द्वारा पूर्व में उन भवनों से ही टैक्स की वसूली की जाती थी, जिन भवनों के लिए नगर निगम द्वारा होल्डिंग नंबर जारी किया गया था. ये होल्डिंग नंबर किसी भी मकान के मालिकाना हक को दर्शाते थे. परंतु, अब नयी व्यवस्था में निगम हर घर से टैक्स तो लेगा, लेकिन रसीद के नीचे में यह लिखा होगा कि जमा किया गया टैक्स भवन मालिक के मालिकाना हक को नहीं दर्शाता है.

दो लाख से अधिक मकान हैं निगम में

रांची नगर निगम में वर्तमान में दो लाख से अधिक मकान हैं, जिसमें से मात्र एक लाख मकान ही ऐसे हैं, जो नियमित रूप से नगर निगम को टैक्स देते हैं. ये भवन ऐसे हैं, जिनको नगर निगम ने होल्डिंग नंबर आवंटित किया है. बाकी के भवनों का निर्माण विवादित भूमि पर हुआ है. ऐसे में नगर निगम इन घरों को न तो होल्डिंग नंबर आवंटित करता है और न ही उनसे टैक्स वसूलता है. नयी व्यवस्था के संबंध में निगम सीइओ मनोज कुमार कहते हैं कि इसके लागू होने से निगम के राजस्व में बढ़ोतरी होगी, साथ ही इससे आम जनता को भी काफी फायदा होगा.

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