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रांची : सिटी बसें चलाने के लिए नहीं मिल रहे ऑपरेटर, सातवीं बार निकाला टेंडर
प्रभावशाली और बड़े बस ऑपरेटरों के आगे बेबस दिख रहा नगर निगम रांची : सिटी बसों का ऑपरेटर ढूंढ़ना रांची नगर निगम के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. नगर निगम छह बार टेंडर निकाल चुका है. हर बार शर्तों में थोड़ी ढील दी गयी, इसके बावजूद किसी ऑपरेटर ने रुचि नहीं दिखायी. थक-हार […]
प्रभावशाली और बड़े बस ऑपरेटरों के आगे बेबस दिख रहा नगर निगम
रांची : सिटी बसों का ऑपरेटर ढूंढ़ना रांची नगर निगम के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. नगर निगम छह बार टेंडर निकाल चुका है. हर बार शर्तों में थोड़ी ढील दी गयी, इसके बावजूद किसी ऑपरेटर ने रुचि नहीं दिखायी.
थक-हार कर नगर निगम ने सातवीं बार टेंडर निकाला है. जैसा कि प्रभावशाली बस ऑपरेटर चाहते थे, इस बार टेंडर की शर्तों में और ढील दी गयी है. ऐसे में उम्मीद है कि शायद इस बार सिटी बसों को चलाने के लिए ऑपरेटर मिल जायेगा.
राजधानी के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए रांची नगर निगम ने 91 नयी सिटी बसें खरीदी थीं. इन बसों को चलाने के लिए दो ऑपरेटरों (सुरेश सिंह और किशोर मंत्री) के साथ करार हुआ था.
सुरेश सिंह को 66 बसें और किशोर मंत्री को 25 बसें चलवाने का जिम्मा दिया गया था. लेकिन, ऑपरेटर सुरेश सिंह पर एकरारनामे का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए निगम ने उनसे सभी 66 बसें वापस ले लीं. साथ ही सिक्यूरिटी मनी के रूप में जमा किये गये 36 लाख रुपये को भी जब्त कर लिया. इसके बाद से ही नगर निगम इन 66 बसों को चलवाने के लिए ऑपरेटर ढूंढ़ रहा है.
निजी ड्राइवर चला रहे हैं 13 सिटी बसें : छह बार टेंडर निकाले जाने के बावजूद जब कोई ऑपरेटर नहीं मिला, तो नगर निगम ने निजी बस चालकों से सिटी बसें चलाने का आवेदन मांगा था. आवेदन देनेवाले चालकों से जमानत राशि के तौर पर 3000 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट मांगा गया था. दैनिक किराये पर फिलहाल 66 में से 13 सिटी बसें शहर की विभिन्न सड़कों पर चलायी जा रही हैं. निगम ने इन बसों के लिए बकरी बाजार को बस डिपो बनाया है.
सातवीं बार के टेंडर की शर्तें
सातवीं बार निकाले गये टेंडर में रांची नगर निगम ने शर्त रखी है कि अब ऐसे किसी भी ऑपरेटर को बस चलाने का ठेका दिया जायेगा, जिसके पास कम से कम पांच हैवी वाहन (बस, ट्रक) हों. इसके अलावा निगम ने सिक्यूरिटी मनी के राशि को घटाकर 60 हजार रुपये कर दिया है. पूर्व में सिक्यूरिटी मनी एक लाख रुपये रखी गयी थी.
टेंडर डालने से रोका जा रहा
सूत्र बताते हैं कि सिटी बसें चलाने के लिए कई ऑपरेटर इच्छुक हैं, लेकिन शहर के कुछ बड़े बस ऑपरेटर इन्हें नगर निगम द्वारा निकाले गये टेंडर में भाग लेने से रोक दे रहे हैं. निगम द्वारा छठी बार निकाले गये टेंडर में भाग लेने के लिए दो ऑपरेटरों ने बैंक ड्राफ्ट तक तैयार करा लिया था. लेकिन, कुछ बड़े ऑपरेटरों ने उन्हें टेंडर भरने से रोक दिया.
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