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बिहार को तिलैया डैम से पानी देने से झारखंड का इंकार

शकील अख्तर झारखंड ने केंद्र सरकार को भेजी सूचना रांची : झारखंड सरकार ने तिलैया डैम से बिहार को दो लाख एकड़ फुट पानी देने से इंकार कर दिया है. राज्य सरकार का मानना है कि तिलैया-ढाढर योजना राज्य हित में नहीं है. राज्य सरकार ने इससे संबंधित सूचना केंद्र सरकार को भेज दी है. […]

शकील अख्तर

झारखंड ने केंद्र सरकार को भेजी सूचना

रांची : झारखंड सरकार ने तिलैया डैम से बिहार को दो लाख एकड़ फुट पानी देने से इंकार कर दिया है. राज्य सरकार का मानना है कि तिलैया-ढाढर योजना राज्य हित में नहीं है.

राज्य सरकार ने इससे संबंधित सूचना केंद्र सरकार को भेज दी है. बिहार सरकार ने तिलैया-ढाढर योजना के तहत तिलैया डैम से कंड्यूट सिस्टम (5.1 किमी लंबा टनेल और 6.1 किमी लंबा ओपन चैनल) बना कर तिलैया डैम से दो लाख एकड़ फुट पानी की मांग की थी.

पानी के इस्तेमाल की योजना बना ली है राज्य सरकार ने : भारत सरकार को भेजी गयी सूचना में कहा गया है कि सरकार ने राज्य गठन के बाद तिलैया डैम से दो लाख एकड़ फुट पानी के इस्तेमाल की योजना बना ली है.

कोडरमा में स्थापित किये जानेवाले 4000 मेगावाट क्षमता के अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट के लिए 1.08 लाख एकड़ फुट पानी का इस्तेमाल किया जायेगा. इसके अलावा दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) द्वारा स्थापित किये जानेवाले 1000 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट को 0.3535 लाख एकड़ फुट पानी दिया जायेगा. इन परियोजनाओं को तिलैया से पानी देने के मुद्दे पर दामोदर वैली रिवर रेगुलेशन कमेटी की बैठकों में सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है.

फिलहाल तिलैया डैम से 45 क्यूसेक पानी राज्य को सिंचाई के लिए मिलता है. इसके अलावा राज्य में पेयजल की परियोजनाएं भी प्रस्तावित हैं. इन योजनाओं के मद्देनजर फिलहाल तिलैया डैम में बिहार को देने के लिए अतिरिक्त पानी उपलब्ध नहीं है. इसलिए बिहार को इस डैम से कंड्यूट सिस्टम का निर्माण कर दो लाख एकड़ फुट पानी नहीं दिया जा सकता है.

राज्य हित में नहीं है तिलैया-ढाढर परियोजना

राज्य सरकार की ओर से पहले भी यह कहा जा चुका है कि तिलैया-ढाढर परियोजना को एकीकृत करना राज्य के हित में नहीं है. 2004 में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय में हुई बैठक में भी राज्य सरकार ने यह मुद्दा उठाया था. यह भी कहा था कि तिलैया- ढाढर परियोजना को संयुक्त प्रबंधन की सूची से हटा दिया जाये. इसके तहत ढाढर परियोजना का प्रबंधन बिहार को और तिलैया का प्रबंधन झारखंड को करने दिया जाये.

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