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धर्मांतरण करनेवाले एसटी का आरक्षण भी समाप्त करे सरकार
रांची़ : आदिवासी जन परिषद ने घाघरा (गुमला) के सरना आदिवासियों द्वारा धर्म बदलने के निर्णय की निंदा की है़ परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि आदिवासियों की धर्म-संस्कृति पर चौतरफा हमला हो रहा है़ विगत 70 वर्षों से राजनीतिक दलों ने आदिवासियों को धर्मकोड नहीं देकर उनकी धार्मिक पहचान समाप्त करने […]
रांची़ : आदिवासी जन परिषद ने घाघरा (गुमला) के सरना आदिवासियों द्वारा धर्म बदलने के निर्णय की निंदा की है़ परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि आदिवासियों की धर्म-संस्कृति पर चौतरफा हमला हो रहा है़ विगत 70 वर्षों से राजनीतिक दलों ने आदिवासियों को धर्मकोड नहीं देकर उनकी धार्मिक पहचान समाप्त करने का षड्यंत्र किया है़
जिस प्रकार दलित व्यक्ति द्वारा धर्मांतरण करने पर उसका आरक्षण स्वत: समाप्त हो जाता है, उसी तरह आदिवासी द्वारा हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध बन जाने पर स्वत: आरक्षण समाप्त करने के लिए भी सरकार कानून बनाये़ उन्होंने कहा कि आदिवासियों की धार्मिक पहचान के लिए आदिवासी जन परिषद धर्मकोड के लिए आंदोलन तेज करेगी़ धर्मकोड के अभाव से सही जनगणना नहीं हो पाती है़ आदिवासी धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन भी नहीं हुआ है़
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