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रांची : आधी योजनाएं भी नहीं हुईं पूरी
झारखंड में लघु जलापूर्ति योजनाओं की रफ्तार काफी धीमी है रांची : झारखंड में लघु जलापूर्ति योजनाओं की रफ्तार काफी धीमी है. राज्य सरकार ने कुल 4332 अदद लघु ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं की स्वीकृति दी थी. इनमें से 1281 योजनाएं ही पूरी की जा सकी हैं. शेष योजनाओं में से कई पर काम भी […]
झारखंड में लघु जलापूर्ति योजनाओं की रफ्तार काफी धीमी है
रांची : झारखंड में लघु जलापूर्ति योजनाओं की रफ्तार काफी धीमी है. राज्य सरकार ने कुल 4332 अदद लघु ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजनाओं की स्वीकृति दी थी. इनमें से 1281 योजनाएं ही पूरी की जा सकी हैं. शेष योजनाओं में से कई पर काम भी शुरू नहीं किया जा सका है.
सबसे ज्यादा पश्चिम सिंहभूम में 194 लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं को पूरा किया गया है. जबकि हजारीबाग ने 136 और रांची ने 112 योजनाएं पूरी की हैं. योजनाओं को पूरा करने में सबसे खराब स्थिति गोड्डा की है. गोड्डा में केवल छह जलापूर्ति योजनाओं को पूरा किया गया है. वहीं, पांकुड़ व लातेहार में भी 10 और धनबाद में सिर्फ 12 योजनाओं को ही पूरा किया जा सका है.
गिरिडीह में सबसे ज्यादा 316 योजनाओं को मिली मंजूरी
कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा और जामताड़ा में स्वीकृत योजनाओं की संख्या 100 से कम है. इनको छोड़ कर राज्य के शेष सभी जिलों में स्वीकृत योजनाओं की संख्या सौ से अधिक है. गिरिडीह जिले के लिए सबसे ज्यादा 316 योजनाओं को मंजूरी दी गयी है. इसके अलावा रांची के लिए 282, पश्चिम सिंहभूम के लिए 280, हजारीबाग के लिए 270, पाकुड़ के लिए 258, गढ़वा के लिए 225, सिमडेगा के लिए 217 और पूर्वी सिंहभूम के लिए 202 योजनाओं को राज्य सरकार ने मंजूरी प्रदान की है.
लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का ब्योरा
जिला कुल योजना पूर्ण योजना
रांची 282 112
खूंटी 103 20
पू सिंहभूम 202 93
प सिंहभूम 280 194
सरायकेला 145 25
हजारीबाग 270 136
रामगढ़ 112 41
कोडरमा 54 25
चतरा 134 90
पलामू 196 13
गढ़वा 225 14
लातेहार 66 10
जिला कुल योजना पूर्ण योजना
गुमला 131 70
लोहरदगा 82 64
सिमडेगा 138 78
बोकारो 217 35
धनबाद 185 12
गिरिडीह 316 64
साहेबगंज 163 43
पांकुड़ 258 10
देवघर 153 35
जामताड़ा 83 34
गोड्डा 163 06
कुल 4332 1281
सभी अभियंताओं को निर्देश दिया गया है
लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है. इसे शीघ्र पूरा करने के लिए प्रमंडल के सभी अभियंताओं को निर्देशित किया गया है.
अभियंताओं को वित्तीय वर्ष के अंत तक निर्धारित लक्ष्य के नजदीक पहुंचने के लिए पूरा प्रयास करने के लिए कहा गया है. इसमें अच्छा काम कर दिखाने वाले अफसरों को सरकार पुरस्कृत करेगी़ वहीं खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को दंडित भी किया जायेगा.
चंद्रप्रकाश चौधरी, पीएचइडी मंत्री
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