पुण्यतिथि आज. नगर विकास विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मिल चुकी है मंजूरी
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने तैयार किया डीपीआर
टेंडर 31 जनवरी 2019 को खोला जायेगा, नये सिरे से होगा निर्माण
रांची : पुराने जेल परिसर में बिरसा मुंडा स्मृति पार्क बनेगा. 106 करोड़ 90 लाख पांच हजार 200 रुपये की लागत से पार्क का निर्माण होगा. नगर विकास विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. पहले चरण में नगर विकास विभाग की कंपनी झारखंड अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(जुडको) द्वारा 56.85 करोड़ की लागत से टेंडर जारी कर दिया गया है. टेंडर 31 जनवरी 2019 को खोला जायेगा. बताया गया कि पूरे पार्क का निर्माण नये सिरे से होगा. डीपीआर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन(कर्नाटक) लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है.
लेजर शो की होगी व्यवस्था : बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में शहीद भगवान बिरसा मुंडा जेल के जिस कक्ष में रहते थे, उसका जीर्णोद्धार किया जायेगा. उस कक्ष को एक स्मारक के रूप में ही रखा जायेगा. साथ ही उसके समीप एक म्यूजियम बनाया जायेगा, जहां लोग बिरसा मुंडा की जीवनी के बारे में जान सकेंगें. जेल पार्क परिसर कुल 40 एकड़ में है. यहां चारों कोन पर वाच टावर बनाया जायेगा. पार्क को हाइटेक बनाने का प्रस्ताव है, जहां साउंड एवं लाइट शो के जरिये भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी दिखायी जायेगी. एफिल टावर के समान ही एक 25 तल्ला टावर का निर्माण भी किया जाना है, जिसके ऊपर शीशे से बना रेस्टोरेंट होगा. यहां तक आने के लिए चार लिफ्ट भी लगाये जायेंगे. साथ ही पार्क के नीचे अंडरग्राउंड पार्किंग बनाने का प्रस्ताव है.
अभी क्या है स्थिति : जितने भी निर्माण हुए थे, वे अब टूट रहे हैं. कई जगह बनायी गयी मूर्तियां टूट चुकी हैं. झूले टूट गये हैं. पार्क को कोई देखने वाला नहीं है. अभी युवाओं की टोली बेरोक-टोक पार्क में आती-जाती है. फिलहाल स्थानीय युवक रवि मुंडा के नेतृत्व में लोगों ने बिरसा मुंडा जेल मैदान निर्माण समिति का गठन किया है. यही समिति पार्क की देखरेख करती है. कोई छेड़खानी की घटना होती है, तो समिति के लोग तुरंत ही आ जाते हैं. समिति द्वारा बिरसा मुंडा के कक्ष की देखरेख की जाती है. वहां बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित की गयी है, जहां पूजा-अर्चना होती है. फिलहाल देखरेख के अभाव में पार्क अब जीर्ण-शीर्ण होने लगा है. जहां-तहां घास उग आयी है.
रांची : भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि नौ जून को है़ सर्कुलर रोड स्थित पुराने जेल में वह जिस कमरे में रहते थे, उसकी स्थिति जर्जर है, जबकि इस जेल को 16 नवंबर 2005 को ही होटवार स्थित नये जेल में शिफ्ट कर दिया गया था़ 13 साल में जिस कमरे बिरसा मुंडा बंद थे, उसकी स्थिति जस की तस है़ रख-रखाव के अभाव में कारागार के उस कमरे मेें पूरा पानी जमा हुआ है़ कमरे की स्थिति ऐसी है कि उसमें पेड़ की जड़ जमने लगी हैं.
कमरे की वर्षों से सफाई नहीं हुई है़ नौ जून को उनकी पुण्यतिथि होने की वजह से कुछ संस्था के लोग वहां पहुंचे थे, उन लोगों ने कमरे में झाड़ू लगाया. हालांकि अभी भी उस कमरे में लगी मूर्ति धूल से भरी हुई है़ मूर्ति भी बिरसा मुंडा जेल मैदान बचाओ समिति द्वारा लगायी गयी है़ समिति द्वारा दीवार पर कुछ चित्रकारी भी की गयी है़ अब पुराने जेल के रख-रखाव का जिम्मा भवन निर्माण विभाग को दिया गया है़ पूरे जेल की हालत काफी दयनीय है़
हालांकि पुराने किले के खंडहर की तरह होने के कारण उस परिसर को फिल्म निर्माता फिल्म की अच्छा लोकेशन मान कर शूटिंग करते हैं. वर्तमान में भी वहां नागपुरी फिल्म की शूटिंग चल रही है़ यहां आये संस्था के सदस्यों ने कहा कि इस जगह को सरकार पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करती, तो कमाई भी होती और लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी रहता़