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रांची : संवेदक ने रांची विवि को दिये थे आठ लाख, सात लाख की ले ली थी कॉपी

एक लाख के बदले बिना टेंडर ही उठा रहा था 2016 की उत्तरपुस्तिका रांची : रांची विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की ओर से नियमों की अनदेखी कर कॉपी बेची जा रही थी. प्रावधान के अनुरूप 2016 की कॉपी तभी बेची जा सकती है, जब 2018 की कॉपी विवि आ जाती. उत्तरपुस्तिका ले जाने वाले संवेदक […]

एक लाख के बदले बिना टेंडर ही उठा रहा था 2016 की उत्तरपुस्तिका
रांची : रांची विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की ओर से नियमों की अनदेखी कर कॉपी बेची जा रही थी. प्रावधान के अनुरूप 2016 की कॉपी तभी बेची जा सकती है, जब 2018 की कॉपी विवि आ जाती. उत्तरपुस्तिका ले जाने वाले संवेदक पूर्व में भी विवि से उत्तरपुस्तिका ले गया है. पूर्व में हुए टेंडर के अनुरूप संवेदक ने उत्तरपुस्तिका के लिए विवि को आठ लाख रुपये का भुगतान किया था. इसके बदले उसने सात लाख की उत्तरपुस्तिका विवि से ली थी.
उसका एक लाख रुपया विवि के पास था. प्रावधान के अनुरूप पैसा लौटाने के लिए कुलसचिव को जानकारी देनी चाहिए थी, पर बिना किसी जांच-पड़ताल व प्रक्रिया पूरी किये बिना वर्ष 2016 की उत्तरपुस्तिका उठाने की अनुमति संवेदक को दे दी गयी. उत्तरपुस्तिका बचने के लिए विवि द्वारा सहायक कुलसचिव को प्रतिनियुक्त किया जाता रहा है. सहायक कुलसचिव की देखरेख में पहले ट्रक का वजन किया जाता है, इसके बाद उत्तरपुस्तिका लोड होने के बाद फिर से ट्रक का वजन होता है.
टेंडर में तय किये गये रेट के अनुरूप राशि लेकर शेष राशि संवेदक को शर्त के अनुरूप वापस करने का प्रावधान है. वर्ष 2016 की पकड़ी गयी उत्तरपुस्तिका की बिक्री में प्रावधान का पालन नहीं किया गया था. इधर रांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अमर कुमार चौधरी ने पूरे मामले की लिखित जानकारी कुलपति डॉ रमेश पांडेय को दी है.

परीक्षा विभाग को देनी चाहिए जानकारी
परीक्षा विभाग को अगर उत्तरपुस्तिका रखने में कसी प्रकार की परेशानी थी या फिर जगह की आवश्यकता थी, तो इसकी जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को देनी चाहिए थी.
पर परीक्षा विभाग कुलपति, प्रति कुलपति या कुलसचिव किसी को बिना जानकारी दिये अपने स्तर से कॉपी बेच रहा था. कॉपी बाहर चले जाने से विवि की परेशानी बढ़ जाती. रविवार को कॉपी बेचे जाने का मामला सामने आया था, पर अब तक इसकी जांच शुरू नहीं हुई है. जांच के लिए मंगलवार शाम तक कोई कमेटी गठित नहीं गयी थी.
रांची : आजसू ने की विवि के परीक्षा नियंत्रक को हटाने की मांग
रांची : अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश पांडेय से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि बिना विवि प्रशासन की अनुमति के वर्ष 2016 की परीक्षा की उत्तरपुस्तिका बेची जा रही थी. उत्तरपुस्तिका बेचने की निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.
इस मामले में दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में लगातार गड़बड़ी का मामला सामने आ रहा है. विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है. प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से परीक्षा नियंत्रक को हटाने की मांग है. प्रतिनिधिमंडल में हरीश कुमार, कुश साहू, ओम वर्मा, अमित रमेश, मो हुसैन अंसारी, चेतना प्रकाश, नीतीश, गौतम सिंह आदि शामिल थे.
उठ रहे सवाल
बिना टेंडर के वर्ष 2016 की कॉपी बेचे जाने के मामले से परीक्षा विभाग की कार्य प्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है. विवि कैंपस में मंगलवार को दिन भर यह चर्चा होती रही कि क्या इससे पहले कॉपी बिना टेंडर की नहीं बेची गयी है. मूल्यांकन केंद्रों पर जांच कर रखी गयी उत्तरपुस्तिका भी तो नहीं बेच दी गयी है. इसका खुलासा पूरे मामले की जांच के बाद ही हो सकेगा.
रांची विवि के 2016 बैच की कॉपी बेचे जाने का मामला संज्ञान में आया है. इसके लिए तत्काल कदम उठाया गया, जिस वजह से कॉपियां वापस आ गयी हैं. अगर ये बाहर चली जातीं, तो समस्या उत्पन्न हो जाती. इस मामले में जो भी दोषी अधिकारी और कर्मचारी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी.
डॉ रमेश कुमार पांडे, कुलपति, रांची विवि

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