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स्वच्छता के लिए झारखंड को स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट अवार्ड
राज्य शहरी विकास अभिकरण ने तीन क्षेत्रों में विशेष कार्य के लिए भेजी थीं प्रविष्टियां रांची : शहरी स्वच्छता के लिए झारखंड को ‘स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट अवार्ड’ दिया जायेगा. स्वच्छता के क्षेत्र में तीन महत्वपूर्ण प्रयास के लिए झारखंड को इस सम्मान के लिए चुना गया है. नगर विकास विभाग के राज्य शहरी विकास […]
राज्य शहरी विकास अभिकरण ने तीन क्षेत्रों में विशेष कार्य के लिए भेजी थीं प्रविष्टियां
रांची : शहरी स्वच्छता के लिए झारखंड को ‘स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट अवार्ड’ दिया जायेगा. स्वच्छता के क्षेत्र में तीन महत्वपूर्ण प्रयास के लिए झारखंड को इस सम्मान के लिए चुना गया है. नगर विकास विभाग के राज्य शहरी विकास अभिकरण ने स्कॉच अवार्ड फॉर गवर्नेंस-2018 के तहत शहरी स्वच्छता के लिए राज्य में किये गये कार्यों की प्रविष्टियां भेजी थीं.
स्वच्छ भारत मिशन झारखंड के निदेशक राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि सूडा के तीन प्रस्तावों को स्कॉच की टीम ने अवार्ड के लिए चयन किया है. इनमें तीन कार्य शामिल हैं : कंस्ट्रक्शन ऑफ
स्किल डेवलपमेंट सेंटर कम कम्यूनिटी टॉयलेट, गूगल टॉयलेट लोकेटर और रिजर्व वेंडिंग मशीन. श्री शर्मा ने इसके लिए राज्य के स्वच्छ भारत मिशन शहरी की पूरी टीम बधाई दी है. वहीं, राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग श्री अरुण कुमार सिंह ने पूरी टीम को बधाई दी है.
स्वच्छता के लिए नगर विकास विभाग के प्रयास
कंस्ट्रक्शन ऑफ स्किल डेवलपमेंट सेंटर कम कम्यूनिटी टॉयलेट
शहरों को खुले शौच से मुक्त कराने के लिए सामुदायिक शौचालय के भवनों में कौशल विकास केंद्र की स्थापना की गयी. वहां विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया. उन केंद्रों से किराये के रूप में प्राप्त राशि से सामुदायिक शौचालयों का रखरखाव और साफ-सफाई की जा रही है.
गूगल टॉयलेट लोकेटर
प्रदेश के दूसरे शहरों से आनेवाले लोगों या राज्य के बाहर से या फिर ग्रामीण इलाकों से शहर में पहुंचने वाले लोगों की सुविधा के लिए सार्वजनिक शौचालय, सामुदायिक शौचालय और सार्वजनिक स्थलों पर स्थित निजी शौचालयों की जानकारी गूगल पर उपलब्ध कराने का काम किया. इससे लोगों को मोबाइल पर ही शौचालय की जानकारी सुलभ कराने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया.
रिजर्व वेंडिंग मशीन
पानी या शीतल पेय पदार्थों के इस्तेमाल बाद जहां-तहां फेंके जानेवाली बोतलों की रिसाइकिलिंग का भी प्रबंध किया गया. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर राज्य के तीन शहरों रांची, जमशेदपुर और धनबाद में रिवर्स वेंडिंग मशीन लगाकर लोगों को मशीन में ही बोतल डालने के लिए प्रोत्साहित किया गया. इसके लिए ऑफर कूपन भी दिये गये. इन प्रयोगों का शहरी स्वच्छता के क्षेत्र पर काफी असर पड़ा.
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