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एएसआइ ने इटखोरी में हो रही खुदाई को अवैध करार दिया

पेच. एएसआइ मुख्यालय ने रांची सर्किल से की थी पूछताछ रांची : चतरा जिले के इटखोरी में दो दिनों तक हुई खुदाई को भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसअाइ) ने अवैध बताया है. इटखोरी में खुदाई संबंधी मामले में एएसआइ के दिल्ली मुख्यालय ने एएसआइ, रांची सर्किल से पूछताछ की थी. इसके बाद सर्किल के अधीक्षण पुरातत्व […]

पेच. एएसआइ मुख्यालय ने रांची सर्किल से की थी पूछताछ

रांची : चतरा जिले के इटखोरी में दो दिनों तक हुई खुदाई को भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसअाइ) ने अवैध बताया है. इटखोरी में खुदाई संबंधी मामले में एएसआइ के दिल्ली मुख्यालय ने एएसआइ, रांची सर्किल से पूछताछ की थी. इसके बाद सर्किल के अधीक्षण पुरातत्व विद (प्रभारी) हरिअोम शरण ने चतरा एसपी व डीसी को पत्र लिख कर आग्रह किया था कि यदि इटखोरी में किसी तरह की कोई खुदाई हो रही हो, तो उसे रोका जाये. इधर, अखबारों में खुदाई होने तथा मूर्तियां निकलने की खबर छपने के बाद एएसआइ के पदाधिकारी चिंतित थे.
श्री शरण ने बताया कि प्राचीन स्मारक, पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम-1958 के मुताबिक किसी भी ऐतिहासिक या पुरातात्विक स्थल की खुदाई से पहले एएसआइ के महानिदेशक (दिल्ली) से लाइसेंस लेना जरूरी है. वहीं खुदाई से निकली चीजों का बजाप्ता डॉक्यूमेंटेशन किया जाता है. इसके बगैर किसी भी पुरातात्विक महत्व की चीज की मान्यता या वैधता नहीं है. इधर, इस संबंध में पूछे जाने पर राज्य पुरातात्विक निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा कि इटखोरी में खुदाई की खबर गलत है. बगैर लाइसेंस के खुदाई करने पर तो एफआइआर दर्ज करना होगा. उक्त अधिकारी ने कहा कि इटखोरी में सतह पर मौजूद चीजों के सरफेस कलेक्शन का काम हजारीबाग के बुलु इमाम को मिला है.
खुदाई स्थल पर पहुंचे सीओ व थानेदार
इधर, इटखोरी स्थित करमा खुर्द के बिहारी मौजा में पुरातत्व अवशेषों की खुदाई के लिए स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की सहमति नहीं लेने तथा खुदाई कार्य की सूचना नहीं देने पर अधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त की है. शनिवार को सीओ दिलीप कुमार व थाना प्रभारी अशोक राम खुदाई स्थल पर पहुंचे. हालांकि खुदाई में शामिल लोग शुक्रवार को ही जा चुके थे.
मूर्तियों की क्रम संख्या लिखी गयी है
बिहारी गांव में ऊपरी सतह की खुदाई में मिले अवशेषों पर क्रम संख्या लिखी गयी है. कुल 72 अवशेषों का उल्लेख किया गया है. खुदाई का कार्य दो दिन तक चला था, जिसमें बौद्ध व सनातन धर्म से जुड़ी मूर्तियां मिली हैं.
इटखोरी का ऐतिहासिक महत्व रहा है
इटखोरी में हिंदू व जैन से संबंधित प्राचीन अवशेषों व वस्तुओं के अलावा सौ से अधिक बौद्ध अवशेष भी मौजूद हैं. पुरातात्विक महत्व वाले अवशेषों की संभावना को देखते हुए इटखोरी में उत्खनन का कार्य भी प्रस्तावित है. पुरातत्व से जुड़े अधिकारियों के अनुसार खुदाई से दुनिया का परिचय एक नयी इटखोरी से हो सकता है, जो इस स्थान को पर्यटक नक्शे पर मजबूती से स्थापित करेगा.

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