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झारखंड में भी दो लाख का लिमिट किया जाये : चेंबर
रांची : वाणिज्यकर विभाग द्वारा गठित राज्यस्तरीय जीएसटी सलाहकार समिति की बैठक मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई. झारखंड चेंबर के अलावा विभिन्न जिलों के चेंबर के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. चेंबर के उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्णवाल ने कहा कि परिवहन व्यवसायियों के लिए जीएसटी में 50,000 की सीमा कम है. छोटे-छोटे व्यापारी अपने ऑटो […]
रांची : वाणिज्यकर विभाग द्वारा गठित राज्यस्तरीय जीएसटी सलाहकार समिति की बैठक मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई. झारखंड चेंबर के अलावा विभिन्न जिलों के चेंबर के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. चेंबर के उपाध्यक्ष दीनदयाल वर्णवाल ने कहा कि परिवहन व्यवसायियों के लिए जीएसटी में 50,000 की सीमा कम है. छोटे-छोटे व्यापारी अपने ऑटो में कई व्यापारियों का माल लेकर आवागमन करते हैं, ऐसे में उन्हें बिल जेनरेट करने में भी कठिनाई हो रही है. कई बार बिल जेनरेट होने के बाद इंटरनेट के खराब होने या ऑपरेटर के उपलब्ध नहीं रहने के कारण परमिट नहीं निकल पाता, इससे व्यापारी का सेल प्रभावित होता है.
बिहार ने राज्य के अंदर माल परिवहन के लिए इ-वे बिल में 50,000 की लिमिट को बढ़ा कर दो लाख कर दिया है. यह व्यवस्था झारखंड में भी होनी चाहिए. जीएसटी मिस-मैच संबंधित निर्गत नोटिस लगता है कि बिना जांच के ही निर्गत की गयी है. श्री वर्णवाल ने कहा कि इस पर विभागीय आयुक्त केके खंडेलवाल ने कहा कि कुछ डीलरों ने गलत तरीके से इनपुट लिया है, ऐसे डीलरों पर कार्रवाई होगी. लेकिन जो डीलर सही हैं, उन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होगी.
यदि सही डीलरों पर कार्रवाई होती है, तब आप विभाग को सूचना दें. झारखंड चेंबर के जीएसटी उप समिति के चेयरमैन ज्योति पोद्दार ने कहा कि अब तक विभाग द्वारा सर्किल निश्चित नहीं किया गया है कि किस सर्किल में संबंधित व्यवसायी का फाइल है या उनके असेसिंग ऑफिसर कौन हैं. एक ही व्यापारी के पास दोनों विभाग से फोन आते हैं. बैठक में विभाग के सभी संयुक्त सचिव, अपर सचिव, धनबाद, दुमका, सिंहभूम, जमशेदपुर चेंबर, बार एसोसिसेयशन सहित कई जिलों के चेंबर प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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