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इलेक्ट्रॉनिक सामानों के लिए बाजार व नीति दोनों लाभदायक
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर में निवेश के लिए उद्यमियों को बताये गये रास्ते रांची/आदित्यपुर : किसी भी वस्तु का उत्पादन उसका बाजार रहने पर ही किया जाता है. आज इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के लिए काफी बड़ा बाजार है और सरकार की नीति भी लाभदायक साबित हो रही है. नयी पॉलिसी भी ड्राफ्ट की गयी है. जो फाइनल […]
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर में निवेश के लिए उद्यमियों को बताये गये रास्ते
रांची/आदित्यपुर : किसी भी वस्तु का उत्पादन उसका बाजार रहने पर ही किया जाता है. आज इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के लिए काफी बड़ा बाजार है और सरकार की नीति भी लाभदायक साबित हो रही है. नयी पॉलिसी भी ड्राफ्ट की गयी है. जो फाइनल स्टेज में है. और पुराने लंबित मामलों को भी दूर किया जा रहा है.
उक्त बातें उद्योग विभाग के निदेशक सह जियाडा के एमडी के रवि कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर (इएमसी) के रोड शो में कही. आदित्यपुर ऑटो कलस्टर के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में श्री कुमार ने कहा कि इएमसी शहर के बीच में स्थापित हो रहा है, जहां सारी सुविधाएं होंगी. कार्यक्रम का संचालन एसिया अध्यक्ष इंदर अग्रवाल ने किया. इस अवसर पर जियाजा के क्षेत्रीय उपनिदेशक हरि कुमार केशरी, ऑटो कलस्टर के एमडी एसएन ठाकुर, सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अशोक भालोटिया, लघु उद्योग भारती के रूपेश कतरियार समेत कई कंपनी के प्रतिनिधि व उद्यमी उपस्थित थे.
टाटा मोटर्स से हुआ है करार : श्री कुमार ने बताया कि वाहनों में बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का उपयोग होता है. टाटा मोटर्स से सरकार का समझौता हुआ है. 70 प्रतिशत सामान यहां के उत्पादकों से खरीदेगी. इस तरह सरकार द्वारा बाजार की भी व्यवस्था की गयी है. टाटा मोटर्स के अधिकारी धानु कुमार ने कहा कि ऑटो मोबाइल इंडस्ट्री में भी इलेक्ट्रॉनिक सामान भी काफी खपत है. सिर्फ अच्छी गुणवत्ता देकर इसमें पकड़ बनायी जा सकती है.
रोजगार के सबसे अधिक अवसर मिलेंगे
आइइएसए के विशेषज्ञ राजीव बाधवा ने बताया कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में 30 रैंक जंप कर हमारा देश टॉप सौ देशों में आ गया है. इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का उत्पादन व व्यापार देश के जीडीपी में 10 प्रतिशत योगदान कर सकता है, जो अभी मात्र चार प्रतिशत है, जबकि चीन में 20 से 25 प्रतिशत है. अगले 10 सालों में रोजगार के सबसे अधिक अवसर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के उत्पादन के क्षेत्र में है.
70 प्रतिशत सामान किया जाता है आयात
इलेक्ट्रॉनिक सामान के उत्पाद विशेषज्ञ आशीष सोरखिया ने कहा कि इस समय देश में इलेक्ट्रॉनिक सामान के तैयार माल 70 प्रतिशत तक आयात किये जाते हैं. आयात में 140 बिलियन डॉलर की खपत है. 2020 तक यह राशि 450 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. इसलिए राजस्व को बचाने के लिए देश में इलेक्ट्रॉनिक सामानों का उत्पादन जरूरी है.
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