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रांची : होटवार जेल परिसर पहुंचा शव, मचा गया कोहराम, कक्षपाल आवास ए-44 में रहते थे सुरेंद्र विश्वकर्मा, जानें पूरा मामला
रांची : लोहरदगा जिले के कुड़ू थाना क्षेत्र की कड़ाक पुलिया के समीप रविवार को हुई दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गयी. इन पांच लोगों में चार एक ही परिवार के थे. जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार के कक्षपाल सुरेंद्र विश्वकर्मा, उनका बड़ा बेटा श्रवण विश्वकर्मा, […]
रांची : लोहरदगा जिले के कुड़ू थाना क्षेत्र की कड़ाक पुलिया के समीप रविवार को हुई दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गयी. इन पांच लोगों में चार एक ही परिवार के थे.
जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार के कक्षपाल सुरेंद्र विश्वकर्मा, उनका बड़ा बेटा श्रवण विश्वकर्मा, छोटे बेटा अमित विश्वकर्मा उर्फ गोलू, बहनोई इंद्रदेव शर्मा (सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के चूना भट्ठा निवासी) व कार चालक अब्दुल शाह शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक सुरेंद्र शर्मा होटवार जेल परिसर में कक्षपालों के लिए बने कक्षपाल आवास ए-44 में रहते थे़ वह अपनी छोटी बेटी की शादी के लिए लड़का देखने लोहरदगा जा रहे थे़
सांत्वना तक देने नहीं आया कोई अधिकारी : शाम सवा छह: बजे सुरेंद्र शर्मा, श्रवण विश्वकर्मा तथा अमित विश्वकर्मा उर्फ गोलू का शव होटवार जेल स्थित कक्षपाल आवास पहुंचते ही कोहराम मच गया़ पूरे परिसर में मातम छा गया. हर आंखें नम हो गयी़ सुरेंद्र शर्मा की पत्नी व बहू (श्रवण की पत्नी) की चीत्कार से पूरा परिसर गमगीन हो गया़ दोनों बार-बार बेहोश हो जा रही थी़ं एक पल के लिए सुरेंद्र विश्वकर्मा की पत्नी ने बेटे को देख कर कहा कि यह तो श्रवण नहीं है़ फिर लोगों ने समझाया कि दुर्घटना भयावह थी, इसलिए उसका चेहरा ऐसा हो गया है़
दूसरी तरफ, इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी जेल प्रशासन का कोई अधिकारी परिवार को सांत्वना देने नहीं पहुंचा़ इससे कक्षपाल आवास में रहने वाले सभी कर्मियों में रोष है़ जानकारी के मुताबिक सुरेंद्र विश्वकर्मा मूल रूप से बिहार के गया जिला के बाराचट्टी के निवासी थे़ उनके साथ-साथ श्रवण व अमित तीनों का अंतिम संस्कार बाराचट्टी में किया जायेगा़
कुछ दिनों पहले ही रांची आया था अमित
सुरेंद्र का एक बेटा पवन विश्वकर्मा भी जेल में अस्थायी कर्मी है़ उसने बताया कि रविवार सुबह 7़ 45 बजे सभी लोग रांची से गये थे. अचानक 10: 30 बजे यह मनहूस खबर मिली. उसने कहा कि अब मैं किसके सहारे रहूंगा़
सुरेंद्र विश्वकर्मा की दो पुत्री व तीन पुत्र थे़ बड़े पुत्र व बड़ी पुत्री की शादी हो चुकी है़ बड़ा बेटा श्रवण विश्वकर्मा बूटी रोड में चौधरी पेट्रोल पंप के पास स्टील विंडो दुकान चलाता था़ जबकि छोटा बेटा अमित विश्वकर्मा बंगलुरु में पार्ट टाइम जॉब के साथ बी.टेक कर रहा था़ वह कुछ दिन पहले ही रांची आया था़
छोड़ गये हैं भरा पूरा परिवार
वहीं इंद्रदेव शर्मा रातू रोड न्यू मधुकम ,चूना भट्ठा के निवासी थे़ घटना की जानकारी चूना भट्ठा पहुंचते ही पूरे मुहल्ले में मातम छा गया़ इंद्रदेव शर्मा सर्जना चौक के सामने एसएन गांगुली रोड स्थित पीवीसी हाउस(स्टील विंडो व डोर) के संचालक थे़
लोगों की मानें तो इंद्रदेव शर्मा सामाजिक आदमी थे़ वह अपने पीछे पत्नी, पांच बेटी बिंदा देवी, मंजू देवी, पिंकी देवी, ममता देवी, पूनम देवी व दो बेटे अवध किशोर व विकास को छोड़ गये है़ं 12 मार्च को ही विकास की शादी हुई थी़ दूसरी तरफ चालक अब्दुल शाह का शव रिम्स में रखा गया है़ समाचार लिखे जाने तक उसके परिवार से कोई नहीं पहुंचा था.
सम्मान समारोह स्थगित
इंद्रदेव की मौत की सूचना के बाद चौधरी सेवा संघ द्वारा चूना भट्ठा स्थित पार्षद सम्मान समारोह स्थगित कर दिया गया़ संघ के महामंत्री उदय शंकर चौधरी ने इंद्रदेव के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है.
अपने खर्च पर सुरेंद विश्वकर्मा के हक की लड़ाई लड़ी जायेगी : एसोसिएशन
सुरेंद्र विश्वकर्मा कक्षपाल के रूप में 1984 से जेल में कार्यरत थे़, इसके बाद भी वह अस्थायी थे़ इसके लिए उन्होंने कोर्ट में दो बार केस किया़ वर्ष 2009 और 2016 में डिग्री भी चुकी है़ लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई लाभ नहीं मिला़ कक्षपालों के साथ-साथ सुरेंद्र विश्वकर्मा के आवास के समीप रहने वाले जेल कर्मियों ने मुख्यमंत्री से मांग की है़
इधर झारखंड कारा कर्मी एसोसिएशन के अध्यक्ष पांडेय शिशिर कांत ने कहा कि एसोसिएशन अपने खर्च पर उनकी लड़ाई लड़ेगा़ मुख्यमंत्री से मांग की गयी है कि 32 वर्षों से कार्यरत जेल कर्मी के लिए सरकार मरणोपरांत उनका अधिकार दे़ साथ ही सरकार मुआवजा भी दे.
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