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रांची : तीन साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने की शर्त अब 2018 से होगी लागू

रिम्स. तीन साल ग्रामीण क्षेत्रों में देने का विरोध, छात्रों ने कार्यालयों में जड़ा ताला रांची : ग्रामीण क्षेत्रों में एक वर्ष के अनुबंध के बदले तीन साल सेवा देने की शर्त के विरोध में रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) के बैनर तले पीजी विद्यार्थियों ने शनिवार को रिम्स के सभी ऑफिस को बंद करा […]

रिम्स. तीन साल ग्रामीण क्षेत्रों में देने का विरोध, छात्रों ने कार्यालयों में जड़ा ताला

रांची : ग्रामीण क्षेत्रों में एक वर्ष के अनुबंध के बदले तीन साल सेवा देने की शर्त के विरोध में रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) के बैनर तले पीजी विद्यार्थियों ने शनिवार को रिम्स के सभी ऑफिस को बंद करा दिया. विद्यार्थियों ने एकाउंट सेक्शन, स्टूडेंट सेक्शन व मेट्रॉन ऑफिस सहित सभी कार्यालयों से कर्मचारियों को बाहर निकाल कर उसमें ताला जड़ दिया. फिर निदेशक कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और धरना दिया. बाद में रिम्स प्रबंधन ने जेडीए के एक प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर उन्हें समझाया. इस दौरान निदेशक ने स्वास्थ्य सचिव से फोन पर बात की.
इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में तीन साल सेवा देने की शर्त को चालू सत्र (वर्ष 2018) से लागू करने का निर्णय लिया गया. यानी वर्ष 2018 से नामांकन लेने वाले विद्यार्थी ही इस शर्त का पालन करेंगे. इस निर्णय के बाद विद्यार्थी शांत हुआ. फिर ताला खोल कर सभी कार्यालयों में सुचारु रूप से कामकाज शुरू कर दिया गया.
गौरतलब है कि सरकार ने पीजी में नामांकन लेने वाले विद्यार्थियों के लिए नया कानून लागू किया है. इसमें तीन साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने और बीच में पढ़ाई छोड़ने पर 30 लाख का जुर्माना देने का प्रावधान है. सरकार ने यह कानून वर्ष 2015 से ही लागू कर दिया है, जिसका रिम्स के पीजी विद्यार्थी विरोध कर रहे थे. विद्यार्थियों का कहना था कि जब उन्होंने नामांकन लिया था, तब सरकार ने अलग बांड भरवाया था. वर्ष 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने का कोई बांड नहीं भरवाया गया था. वहीं सत्र 2016-17 में एक साल का बांड था, लेकिन अब सरकार नया नियम लागू कर रही है.
सरकार ने यह कानून 2015 से ही लागू किया है, जिसका पीजी के विद्यार्थी विरोध कर रहे थे
विद्यार्थियों की मांग के अनुसार, अब नये सत्र 2018 से शर्त लागू करने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है. इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को भी दे दी गयी है. मामला कैबिनेट में जायेगा और वहां से संशोधित पत्र जारी किया जायेगा.
डॉ आरके श्रीवास्तव, रिम्स निदेशक
कार्यालयों में चार घंटे तक ठप रहा कामकाज
विभिन्न कार्यालयों में तालाबंदी के कारण लगभग घंटे तक कामकाज ठप रहा. ताला जड़ने के बाद विद्यार्थी सुबह 11 बजे निदेशक कार्यालय पहुंचे. वहां रिम्स प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इसी दौरान निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव व डिप्टी डायरेक्टर गिरिजाशंकर प्रसाद रिम्स ऑडिटाेरियम में आयोजित कार्यक्रम से अपने कार्यालय लौट रहे थे. विद्यार्थियों उन्हें रोक कर ज्ञापन दिया. इस पर निदेशक ने कहा कि मैं आपके अभिभावक की तरह हूं. इसलिए आपकी भलाई के बारे में ही सोच रहा हूं. वहीं विद्यार्थियों ने कहा कि गलत पत्र जारी किया गया है, जिसके जिम्मेदार आप भी हैं. विद्यार्थियों व निदेशक के बीच नोक-झाेंक की स्थिति भी बनी.

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