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झारखंड : बाल यौन अपराध के विरुद्ध बैठक, सरयू राय ने कहा, सामाजिक अपराध को सर्वोच्च प्राथमिकता दे प्रशासन

रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा है कि सामाजिक अपराध को पुलिस और सरकार के वरीय पदों पर बैठे लोग उच्च प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा कि बाल यौन अपराध संगीन है. इस पर मामले तो दर्ज हो रहे हैं, पर पुलिसिया कार्रवाई खानापूर्ति बन कर रह जा रही है. ऐसे मामलों में […]

रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा है कि सामाजिक अपराध को पुलिस और सरकार के वरीय पदों पर बैठे लोग उच्च प्राथमिकता दें. उन्होंने कहा कि बाल यौन अपराध संगीन है.
इस पर मामले तो दर्ज हो रहे हैं, पर पुलिसिया कार्रवाई खानापूर्ति बन कर रह जा रही है. ऐसे मामलों में पुलिस को कार्रवाई की अवधारणा बदलनी होग. पुलिस तक जो निर्देश पहुंचता है. जो हिदायत पहुंचती है. उसे तोड़ा-मरोड़ा न जाये. बाल अपराध, बाल यौन शोषण के मामलों में सिर्फ न्यायालयों का आदेश का ही पालन नहीं हो. उस पर संजीदगी से कार्रवाई भी की जाये.
बच्चों की समस्याओं की हो रही अनदेखी : श्री राय गुरुवार को होटल कैपिटोल हिल में एसटेक झारखंड की ओर से आयोजित बाल यौन अपराध के विरुद्ध स्वयंसेवी संगठनों की एक दिवसीय बैठक को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रक्रिया शासन की मानसिकता से काम कर रही है. सरकार नामक संस्था में बैठे लोगों की प्राथमिकता में बच्चों के प्रति हिंसा, यौन शोषण के मामले नहीं हैं. विधानसभा और सदन में भी इसको लेकर सवाल नहीं पूछे जाते हैं.
परिवार के लोग सामाजिक प्रतिष्ठा की वजह से बच्चों की समस्या को दबा देते हैं. यह चिंतनीय स्थिति है. सरकार बच्चों के मामले में आयोग बना देती है. आयोग ठीक से काम कर रहा है अथवा नहीं, यह नहीं दिखता है. आयोग और संस्थान बनाने की जरूरत पर कोई सोच नहीं रहा है. कई आयोग तो बगैर कार्यालय के ही अपना कार्यकाल पूरा कर ले रहे हैं.
न्यायालय को भरोसा बनाने की जरूरत है : मंत्री ने कहा कि सरकार की कार्यप्रणाली सभी संवैधानिक कानून को मूर्त रूप देने और कार्रवाई करने तक ही सीमित हो गयी है. ऐसे में न्यायालय को भरोसा बनाने की जरूरत है, नहीं तो समाज कुंठित होगा.
हाइकोर्ट अपने अधीनस्थ न्यायालयों पर निगरानी रखे. तटस्थ होकर काम करे. अपराध के खिलाफ कार्यपालिका और न्यायपालिका को खड़ा होना होगा. आंकड़ों के खेल और बाजीगरी में अपराध कम होने और बढ़ने कीबातें हो रही हैं. उन्होंने कहा कि तकनीक के बढ़ते उपयोग से भी अपराध बढ़ रहे हैं. सुविधा के नाते दायित्व का बोध भी समाप्त हो रहा है.
वेबसाइट्स, ऐप और अन्य से मन भटक रहा है और अपराध बढ़ रहे हैं. शासन-प्रशासन में दिखावा अधिक हो गया है. एसटेक के अध्यक्ष प्रशांत कर्ण ने बाल अपराध की घटना और यौन शोषण के आंकड़े प्रस्तुत किये. सभी का स्वागत भारतीय किसान संघ के संजय मिश्र ने किया. मौके पर संलाप की सचिव तापती भौमिक, झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य रवींद्र कुमार गुप्ता और अन्य ने विचार रखे.

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