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रांची : मैट्रिक-इंटर की कॉपी जांच के लिए नहीं मिल रहे हैं परीक्षक

रांची : राज्य में शिक्षकों की कमी का असर विद्यालय के पठन-पाठन के साथ-साथ उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन पर भी पड़ रहा है. राज्य के 65 केंद्रों पर मैट्रिक व इंटर का मूल्यांकन कार्य चल रहा है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मैट्रिक व इंटर का रिजल्ट जून के प्रथम सप्ताह में जारी करने की बात कही है. […]

रांची : राज्य में शिक्षकों की कमी का असर विद्यालय के पठन-पाठन के साथ-साथ उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन पर भी पड़ रहा है. राज्य के 65 केंद्रों पर मैट्रिक व इंटर का मूल्यांकन कार्य चल रहा है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने मैट्रिक व इंटर का रिजल्ट जून के प्रथम सप्ताह में जारी करने की बात कही है. 20 मई तक मूल्यांकन कार्य समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान में मूल्यांकन केंद्र पर बची हुई
उत्तरपुस्तिका व परीक्षकों की संख्या के हिसाब से 20 मई तक सभी विषयों की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन कार्य पूरा नहीं हो पायेगा. जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सभी केंद्र निदेशक से परीक्षकों को लेकर रिपोर्ट मांगी गयी थी. केंद्र निदेशक ने अपनी रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को दे दी है.
केंद्र निदेशक द्वारा दी गयी रिपोर्ट के अनुसार मैट्रिक में हिंदी, अंग्रेजी, साइंस, गणित व जनजातीय भाषा की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन को लेकर पर्याप्त परीक्षक उपलब्ध नहीं हैं. राजधानी के एक केंद्र पर मैट्रिक में अंग्रेजी की 20 हजार उत्तरपुस्तिका की जांच के लिए मात्र 12 परीक्षक हैं. हिंदी की 8500 कॉपी के लिए आठ, साइंस की नौ हजार कॉपी के लिए नौ व गणित की नौ हजार कॉपी के लिए आठ परीक्षक हैं. वर्तमान परिस्थिति में इन कॉपियों की जांच 31 दिन तक चलेगी. दो जून को मूल्यांकन कार्य समाप्त होगा.
जनजातीय भाषा की कॉपी की जांच तो जून में भी पूरी नहीं होगी. इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन के लिए भी केंद्र से भेजी गयी रिपोर्ट में शिक्षकों की कमी बतायी गयी है. उल्लेखनीय है कि एक दिन में एक परीक्षक को कम से कम 30 व अधिकतम 40 उत्तरपुस्तिका की जांच करना है.
शिक्षकों के 23 हजार में से 18 हजार पद रिक्त
राज्य के हाइस्कूलों में शिक्षकों के 23 हजार पद हैं. इनमें से 18 हजार पद रिक्त हैं. इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. विज्ञान व गणित में शिक्षकों के सबसे अधिक पद रिक्त हैं. इन विषयों में लगभग 90 फीसदी से अधिक पद रिक्त हैं
राज्य के प्रोजेक्ट उच्च विद्यालयों में स्थापना काल से ही शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. राजकीय उच्च विद्यालय में 30 वर्ष से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई. 1200 अपग्रेड उच्च विद्यालय में से मात्र 300 विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. शेष अपग्रेड हाइस्कूल में शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है. इन विद्यालयों में पठन-पाठन प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों के भरोसे चल रहा है.

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