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रांची : झारक्राफ्ट कंबल घोटाले की जांच 28 सदस्यीय टीम करेगी

कार्रवाई. उद्योग िवभाग ने तीन सप्ताह में मांगी िरपोर्ट, जारी िकया आदेश रांची : झारक्राफ्ट कंबल घोटाले की जांच के लिए उद्योग विभाग ने 28 सदस्यीय जांच टीम बनायी है. कुल सात टीमों का गठन किया गया है. इसमें एक अध्यक्ष और तीन सदस्य होंगे. विभाग द्वारा आदेश जारी कर जांच टीम गठित की गयी […]

कार्रवाई. उद्योग िवभाग ने तीन सप्ताह में मांगी िरपोर्ट, जारी िकया आदेश

रांची : झारक्राफ्ट कंबल घोटाले की जांच के लिए उद्योग विभाग ने 28 सदस्यीय जांच टीम बनायी है. कुल सात टीमों का गठन किया गया है. इसमें एक अध्यक्ष और तीन सदस्य होंगे. विभाग द्वारा आदेश जारी कर जांच टीम गठित की गयी है. जांच टीम को तीन सप्ताह में रिपोर्ट सौंपनी है. इसमें महालेखाकार (रांची) की जांच रिपोर्ट में पायी गयी अनियमितताओं की विशेष रूप से जांच कर बिंदुवार रिपोर्ट विभाग को भेजने का आदेश दिया गया. टीम झारक्राफ्ट द्वारा प्राधिकृत बुनकर समितियों, समूहों द्वारा उत्पादित कंबल से संबंधित अभिलेखों, पंजियों का भौतिक निरीक्षण के साथ बुनकरों से मिलकर कंबल उत्पादन एवं धागा आपूर्ति के लेखा-जोखा के वास्तविक स्थिति की जांच कर रिपोर्ट देगी.
कागजात सौंपने का निर्देश : उद्योग विभाग ने निदेशक (हस्तकरघा, रेशम एवं हस्तशिल्प) को आवश्यक कागजात उपलब्ध कराने को कहा है. इसमें बुनकर, बुनकर समिति, समूह का नाम, स्थापित करघा की संख्या, कंबल के लिए झारक्राफ्ट से प्राप्त धागा की मात्रा, धागा प्राप्ति की तिथि
से संबंधी कागजात सौंपने का िनर्देश िदया है.
28 सदस्यीय टीम…
इसके साथ ही, वाहन निबंधन संख्या, प्राप्त धागा के विरुद्ध उत्पादित कंबल, झारक्राफ्ट को आपूर्ति किये गये कंबल की संख्या, कंबल आपूर्ति की तिथि, उत्पादित कंबल के लिए अनुमान्य मजदूरी की राशि, भुगतान की मजदूरी की राशि, अवशेष मजदूरी की राशि, जांच के लिए निर्धारित चेक स्लिप, विभिन्न विभागों से कंबल मांग की संख्या, झारक्राफ्ट द्वारा धागे, कच्चा माल के क्रय हेतु आदेश की प्रति एवं आपूर्ति किये गये धागा, कच्चे माल की मात्रा, एसएचजी, सोसायटी को धागा, कच्चा माल आपूर्ति किये जाने वाले संस्था का नाम एवं धागा, कच्चा माल की मात्रा, कितनी सोसायटी एसएचजी कंबल निर्माण से संबंधित हैं एवं झारक्राफ्ट में सूचीबद्ध है.
कंबल बनाने से संबंधित पावरलूम कहां-कहां कार्यरत है. एसएचजी सोसायटी में किस-किस जिले को वितरण के लिए कितना कंबल दिया गया. महालेखाकार रांची द्वारा कंबल उत्पादन, क्रय, परिवहन तथा वितरण आदि से संबंधित अंकेक्षण प्रतिवेदन समेत अन्य कागजातों को जांच समिति को सौंपने का आग्रह किया गया है.
क्या है मामला
झारक्राफ्ट में 18 करोड़ रुपये के कंबल खरीद में गड़बड़ी हुई है. इस मामले को लेकर विकास आयुक्त अमित खरे ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पूरे मामले की निगरानी से जांच कराने की अनुशंसा की थी. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर नौ लाख कंबल बनाने का काम झारक्राफ्ट को दिया गया था. पर झारक्राफ्ट द्वारा कंबल न बनवाकर बाजार से खरीद कर आपूर्ति की गयी. पूरे कंबल की खरीदारी 18 करोड़ रुपये में हुई है. मुख्यमंत्री की सख्त हिदायत थी कि कंबल बनाने का काम सखी मंडलों और बुनकर समितियों से बनवायी जाये. शिकायत मिली की लातेहार जिले के पोखरीतला के जिस बुनकर समिति को कंबल बनाने का काम दिया गया,
उसके पास इतनी क्षमता के लूम ही नहीं थे. मामला एजी अॉडिट में भी पकड़ में आया. एजी द्वारा कंबल की ट्रांसपोर्टिंग से लेकर बिना विभागीय अनुमति के टेंडर निकाले जाने पर आपत्ति जतायी गयी थी. पता चला कि झारक्राफ्ट ने कंबल बनाने के लिए धागा खरीदने के लिए नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को अॉर्डर न देकर प्राइवेट लोगों को काम दे दिया. एजी ने इस बात आपत्ति जतायी कि बिना एमडी के अनुमति के ही छोटे-छोटे बुनकरों को काम दिया गया,
जिनके पास कंबल बनाने की क्षमता ही नहीं थी. कागज पर ऐसे लोगों को काम दिये जाने की आशंका जतायी गयी थी. वहीं बिना टेंडर के ही कंबल ट्रांसपोर्टिंग का काम हरियाणा ट्रांसपोर्ट नामक कंपनी को दिया गया. एजी का एतराज इस बात लेकर भी था कि एक ही गाड़ी से अलग-अलग स्थानों पर कंबल आपूर्ति दिखायी गयी है. एक ही नंबर का गाड़ी एक ही दिन में एक जगह और फिर उससे 1400 किमी दूर की जगह पर दिखाया गया है.
झारक्राफ्ट पर यह आरोप लगा है कि बुनकर समितियों से न बनवाकर लुधियाना की एक कंपनी से कंबल खरीद कर आपूर्ति की गयी. इस मामले को लेकर झारक्राफ्ट के एमडी मंजूनाथ भजंत्री ने झारक्राफ्ट की सीइओ रेणु गोपीनाथ पेनिक्कर का पावर सीज कर दिया. इसके बाद रेणु गोपीनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और झारक्राफ्ट के तत्कालीन एमडी व वर्तमान में उद्योग निदेशक के रविकुमार पर कमीशन लेने का आरोप भी लगाया. इस मामले को लेकर उद्योग निदेशक ने रेणु गोपीनाथ पर मानहानि का मुकदमा भी कर दिया है.
एक-एक कलस्टर की जांच करेगी सात टीम
कंबल बनाने से लेकर ढुलाई तक की होगी जांच
बुनकरों से भी िमलेगी टीम, लेगी जानकारी
समितियां जहां-जहां जांच करेंगी
1. देवघर एवं गोड्डा
अध्यक्ष : बिंदेश्वरी दास, जीएम डीआइसी धनबाद सदस्य : दिलीप कुमार शर्मा, प्रभारी महाप्रबंधक डीअाइसी देवघर, अमरेंद्र किशोर, परियोजना प्रबंधक, डीअाइसी गोड्डा, रावणेश्वर मिश्र, अग्र परियोजना पदाधिकारी, गोड्डा
2. लातेहार-1
अध्यक्ष : संजय कुमार सिन्हा, संयुक्त सचिव उद्योग विभाग
सदस्य : इंदल दास जीएम पलामू, सुंदरकांत पाठक, परियोजना प्रबंधक, डीआइसी पलामू, कृष्णदेव यादव, अग्र परियोजना पदाधिकारी, चियांकी, पलामू
3. लातेहार-2
अध्यक्ष : कृष्णमुरारी कुमार, उपउद्योग निदेशक
सदस्य : कैलाश प्रसाद, जीएम डीआइसी गिरिडीह,देव नारायण बड़ाईक, डीआइसी रांची, अखिलेश्वर प्रसाद, अधीक्षक लोहरदगा
4. रांची एवं लोहरदगा
अध्यक्ष : कुमुद सहाय, उपसचिव उद्योग विभाग सदस्य : प्रेम कुमार चौधरी, जीएम डीअाइसी रांची, सीताराम पासवान, डीआइसी रांची, विंदेश्वरी शर्मा, अग्र परियोजना केंद्र बेड़ो
5. साहेबगंज
अध्यक्ष : रमेश प्रसाद गुप्ता, जीएम, डीआइसी दुमका
सदस्य :विंदेश्वरी महतो, जीएम साहेबगंज, रविंद्र दास, डीआइसी साहेबगंज, अरुण नारायण जायसवाल, अग्र परियोजना पदाधिकारी साहेबगंज
6. पलामू
अध्यक्ष : राजेंद्र प्रसाद, उप उद्योग निदेशक सदस्य :अबनेजर टोपनो, जीएम डीआइसी गुमला, कुमार रविशंकर, डीआइसी लोहरदगा, सरोज कुमार, गुमला
7. रामगढ़
अध्यक्ष : निरंजन तिर्की, उप उद्योग निदेशक सदस्य :सामरोम बारला, जीएम डीआइसी हजारीबाग, विजय भारती, डीअाइसी हजारीबाग, संजय कुमार, खूंटी
18 करोड़ रुपये के कंबल खरीद में गड़बड़ी का मामला
झारक्राफ्ट की सीइओ रेणु गोपीनाथ दे चुकी हैं इस्तीफा
रेणु ने तत्कालीन एमडी के रविकुमार पर कमीशन लेने का आरोप लगाया है
के रविकुमार ने मानहानि का मुकदमा दायर िकया है
बाजार से कंबल खरीद हुई आपूिर्त
ऑडिट में पकड़ा गया था मामला
बुनकर समितियों से न बनवा कर लुधियाना से खरीदा गया कंबल

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