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रांची : डॉ केके सिन्हा के खिलाफ दर्ज केस की समीक्षा शुरू
सदर डीएसपी केस का रिकॉर्ड हासिल कर समीक्षा कर रहे हैं रांची : आजसू पार्टी के नेताओं की शिकायत पर सदर थाना में डॉ केके सिन्हा के खिलाफ दर्ज केस की समीक्षा सदर डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव ने शुरू कर दी है. उन्होंने केस से संबंधित रिकॉर्ड हासिल कर लिया है. केस में अंतिम रिपोर्ट […]
सदर डीएसपी केस का रिकॉर्ड हासिल कर समीक्षा कर रहे हैं
रांची : आजसू पार्टी के नेताओं की शिकायत पर सदर थाना में डॉ केके सिन्हा के खिलाफ दर्ज केस की समीक्षा सदर डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव ने शुरू कर दी है. उन्होंने केस से संबंधित रिकॉर्ड हासिल कर लिया है.
केस में अंतिम रिपोर्ट तत्कालीन सिटी एसपी ने 28 सितंबर 2011 को जारी की थी, जिसमें इस बात का उल्लेख है कि प्राथमिकी अभियुक्त केके सिन्हा व हेमंत कुमार सिन्हा के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं पाया गया है. उनके अंगरक्षक शंभु कुमार ने भी किसी के साथ मारपीट नहीं की थी. अज्ञात लोगों के बारे भी कोई साक्ष्य नहीं मिल सका. इसलिए प्राथमिकी के अभियुक्तों के खिलाफ साक्ष्य की कमी दिखाते हुए और नवल किशोर सिंह और ललिता सिंह के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया जाये.
उल्लेखनीय है कि आजसू केंद्रीय समिति की ओर से 2014 में प्रभाकर तिर्की, डॉ देव शरण भगत और हसन अंसारी सहित दो अन्य लोगों ने मुख्यमंत्री सहित अन्य अधिकारियों को एक पत्र लिखा था. पत्र में इस बात का उल्लेख था कि वर्ष 1993 में झारखंड आंदोलनकारी शहीद सुदर्शन भगत की हत्या एवं आदिवासी छात्र नेताओं पर जानलेवा हमला मामले में सदर थाना में कांड संख्या 96/ 93 के अंतर्गत केस दर्ज हुआ था.
इस केस की जांच के लिए विशेष जांच समिति (एसआइटी) का गठन कर मामले की पुन: जांच की जाये. पत्र में इस बात का भी उल्लेख था कि इस केस में पुलिस द्वारा उचित जांच कर कार्रवाई नहीं की गयी. इसके साथ ही उक्त केस को एक अंतराल के बाद खारिज कर दिया गया. वहीं दूसरी ओर डॉ केके सिन्हा द्वारा कमल किशोर भगत एवं एलेस्टर बोदरा पर जो प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, उसमें सिर्फ केके सिन्हा की अंगुली में चोट का जिक्र किया गया था.
इस केस में गलत तथ्यों के आधार पर न्यायालय को गुमराह कर कमल किशोर भगत और अलेस्टर बोदरा को दोषी करार दिया गया, जबकि केके सिन्हा सहित अन्य के खिलाफ दर्ज केस में पुलिस अधिकारियों द्वारा गलत साक्ष्य प्रस्तुत कर उक्त केस को न्यायालय द्वारा खारिज करा दिया गया.
इसलिए मामले में डॉ केके सिन्हा सहित अन्य के खिलाफ दर्ज मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन कर मामले की पुन: जांच करायी जाये, ताकि मामले में दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके. शिकायत में उल्लेखित बातों की जांच कर रांची रेंज के डीआइजी ने रांची पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी. रिपोर्ट तैयार कर सिटी एसपी अमन कुमार ने 31 दिसंबर 2017 को सदर डीएसपी को सौंप दी थी.
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