जिम्मेदार कौन. रिम्स की लचर व्यवस्था ने ली गर्भवती महिला की जान
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रिम्स की लचर व्यवस्था: खाना ढोने के लिए किचन के कर्मचारियों ने रोक रखी थी लिफ्ट, बाहर गर्भवती महिला ने दम तोड़ा
जिम्मेदार कौन. रिम्स की लचर व्यवस्था ने ली गर्भवती महिला की जान राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की लचर व्यवस्था ने सोमवार को एक गर्भवती महिला की जान ले ली. महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी. उसके परिजन चौथे माले पर स्थित लेबर रूम में ले जाने के लिए सीओटी के पास लिफ्ट […]
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स की लचर व्यवस्था ने सोमवार को एक गर्भवती महिला की जान ले ली. महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी. उसके परिजन चौथे माले पर स्थित लेबर रूम में ले जाने के लिए सीओटी के पास लिफ्ट का इंतजार करते रहे, लेकिन समय पर लिफ्ट नहीं मिली. यहां एक लिफ्ट खराब थी, जबकि दूसरी से किचन कर्मी खाना ढो रहे थे. जब लिफ्ट आयी, ताे परिजन आनन-फानन में गर्भवती महिला को लेकर लेेबर रूम में पहुंचे, लेकिन यहां डॉक्टरों ने परिजन को बताया कि महिला की मौत हो चुकी है.
रांची/रातू : रातू फेटा हुरहुरी निवासी सुनीता देवी को रविवार से ही प्रसव पीड़ा हो रही थी. परिजन उसे लेकर पहले रातू सीएचसी पहुंचे, जहां उसको रात 12 बजे से सुबह 6:30 बजे तक भर्ती रखा गया. इसके बाद वहां के डॉक्टरों ने मामले को गंभीर बताते हुए उसे रिम्स रेफर कर दिया. सुनीता के पति कार्तिक उरांव ने बताया कि रिम्स पहुंचने के बाद उसने ट्रॉली का इंतजाम किया और पत्नी को लेकर स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग के लेबर रूम में जाने लगा.
वह सीओटी के पास स्थित लिफ्ट का इंतजार करने लगा. क्योंकि, यहां की दो में से एक लिफ्ट खराब थी, जबकि दूसरी लिफ्ट ऊपर में फंसी हुई थी. ऊपरी मंजिल पर लिफ्ट का दरवाजा खुला हुआ था और किचन के कर्मचारी उसमें मरीजों का खाना लादकर ऊपर ले जा रहे थे. करीब 15 मिनट तक परिजन ने लिफ्ट का इंतजार किया. इधर, सुनीता दर्द से कराहते हुए एकाएक शांत हो गयी. परिजन ने शोर मचाया तब जाकर लिफ्ट नीचे आयी. वे लोग किसी तरह लेबर रूम पहुंचे, लेकिन यहां पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि कुछ देर पहले ही सुनीता की मौत हो चुकी है.
रातू सीएचसी से गंभीर अवस्था में रेफर हो कर रिम्स पहुंची थी फेटा हुरहुरी निवासी सुनीता
प्रसव के लिए लेबर रूम ले जा रहे थे परिजन, 15 मिनट तक करते रहे लिफ्ट का इंतजार
रिम्स निदेशक बोले : मामले की जांच की जायेगी, दोषी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे
दो बच्चों के सिर से उठा मां का साया
इधर, सुनीता की मौत के बाद परिजन उसके शव को गांव ले आये. सोमवार देर शाम गांव में ही उसके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया गया. सुनीता की मौत के बाद उसके दो बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया. महिला को एक बेटा व एक बेटी है. वह तीसरे बच्चे को जन्म देने वाली थी. मां की मौत के बाद बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल था. मासूम बच्चों को समझ नहीं आ रहा था कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं है.
सीएचसी के डॉक्टरों ने सुनीता के परिजन को अंधेरे में रखा
सुनीता के देवर ने बताया कि जिस वक्त रातू सीएचसी के डॉक्टरों ने उसकी भाभी को रिम्स रेफर किया, उस वक्त उन्होंने समस्या नहीं बतायी. हालांकि, उसकी भाभी उस वक्त गंभीर हालत में थी. संभवत: जल्द से जल्द उनका ऑपरेशन होना चाहिए था. लेकिन, डॉक्टरों ने हमें अंधेरे में रखा. वहीं, रिम्स जैसे बड़े अस्पताल में गर्भवती महिलाओं को लेबर रूम तक सही सलामत पहुंचाने की व्यवस्था नहीं हो पाना भी मेरी भाभी की मौत का कारण बना है.
रिम्स के डॉक्टरों ने सीएचसी को जिम्मेदार ठहराया
गर्भवती महिला को किस वजह से सीएचसी से रेफर किया गया, इसकी जानकारी रिम्स के डॉक्टरों को भी नहीं है. रिम्स के चिकित्सकों को कहना है कि महिला को कोई और समस्या जरूर रही होगी, जिससे वह 15 मिनट की देरी भी बर्दाश्त नहीं कर पायी. अगर महिला की हालत ज्यादा गंभीर थी, तो सीएचसी के डॉक्टरों को उसे बेहतर इलाज के लिए
समय पर रेफर करना चाहिए था.
ओपीडी पहले और लेबर
रूम तीसरे तल पर क्यों
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में स्त्री विभाग की ओपीडी प्रथम तल पर है. वहीं, लेबर रूम तीसरे तल पर है. ओपीडी में चिकित्सीय परामर्श के लिए आनेवाली गर्भवती महिला को सीढ़ी चढ़ कर जाना पड़ता है. वहीं, लेबर रूम पहुंचने के लिए भी लिफ्ट का इंतजार करना पड़ता है या फिर सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. गर्भवती महिलाओं को परेशानी नहीं हो इसके लिए ओपीडी व लेबर रूम नीचे होना चाहिए.
हफ्ते भर में लापरवाही का दूसरा मामला
हफ्ते भर में रिम्स के कर्मचािरयों की लापरवा
ही का यह दूसरा मामला सामने आया है. कुछ दिनों पहले भी गढ़वा के मझियांव निवासी दस साल की एक बच्ची मौत के बाद उसका शव अस्पताल से बाहर ले जाने के लिए उसके परिजन को ट्रॉली नहीं मिली थी. इस मामले को लेकर बच्ची के परिजन ने अस्पतला में हंगामा भी किया था.
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. लिफ्ट मरीजों के लिए लगायी गयी है. सामान या मरीजों का खाना ले जाने के लिए रैंप है. पूरे मामलेे की जांच करायी जायेगी. दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
डॉ आरके श्रीवास्तव, निदेशक रिम्स
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