22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड : सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को नहीं मिलते बच्चे, 89 स्कूलों में से 67 में रह गयी है सीटें खाली

विद्यालय में कक्षा छह में नामांकन के लिए जैक लेता है टेस्ट कुछ विद्यालयों में तो आधी से भी अधिक सीट रह गयी खाली रांची : राज्य में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर खोले गये अंग्रेजी माध्यम के मॉडल स्कूलों को बच्चे नहीं मिलते. विद्यालय में नामांकन लिए तय सीट रिक्त रह गयी. राज्य में […]

विद्यालय में कक्षा छह में नामांकन के लिए जैक लेता है टेस्ट
कुछ विद्यालयों में तो आधी से भी अधिक सीट रह गयी खाली
रांची : राज्य में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर खोले गये अंग्रेजी माध्यम के मॉडल स्कूलों को बच्चे नहीं मिलते. विद्यालय में नामांकन लिए तय सीट रिक्त रह गयी. राज्य में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर 89 मॉडल स्कूल चल रहे हैं. प्रत्येक विद्यालय में कक्षा छह में नामांकन के लिए 40 सीट निर्धारित है. विद्यालय में कक्षा छह में नामांकन के लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल परीक्षा लेती है. विद्यालय में कुल 3560 सीट है. वर्ष 2018 के नामांकन प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट जारी हो गया है.
इसमें 2865 विद्यार्थी सफल घोषित किये गये हैं. विद्यालय में नामांकन के लिए निर्धारित सीट में से 695 सीट रिक्त रह गये. राज्य के 89 में से 67 विद्यालय में सीट रिक्त रह गये. कुछ विद्यालयों में तो आधे से अधिक सीट रिक्त हैं. विद्यालय में कक्षा छह से 12वीं तक की पढ़ाई होती है. केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 में देश भर में शैक्षणिक रूप से पिछड़े प्रखंड में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर मॉडल स्कूल खोलने की योजना शुरू की थी.
विद्यालय को मॉडल स्कूल का नाम दिया गया था. झारखंड में कुल 203 मॉडल स्कूल खोले जाने थे. प्रथम चरण में वर्ष 2011 में 40 तथा 2013 में 49 मॉडल स्कूल खोले गये. वर्ष 2014 में 75 मॉडल स्कूल की स्वीकृति केंद्र सरकार द्वारा दी गयी थी. वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया. इस कारण वर्ष 2014 में स्वीकृत विद्यालय भी नहीं खुल सके. अब मॉडल विद्यालय राज्य सरकार द्वारा संचालित किया जा रहा है.
विद्यालयों में नहीं हैं सभी विषय के शिक्षक : राज्य के मॉडल स्कूल में शिक्षकों की कमी है. विद्यालयों में अब तक स्थायी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है. पठन-पाठन का काम कांट्रैक्ट के शिक्षकों के भराेसे है. 90 फीसदी से अधिक विद्यालय में सभी विषय के शिक्षक नहीं हैं.
विद्यालय में वर्ष 2015 तक मात्र गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान के शिक्षक थे. कक्षा बढ़ने पर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने विद्यालय में सरकारी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति का आदेश दिया था. सभी विद्यालयों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं हुई. शिक्षकों की कमी के कारण विद्यालय का पठन-पाठन बाधित हो रहा है. विद्यालय में नियुक्त शिक्षक को समय पर मानदेय भी नहीं मिलता है.
केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर चल रहा राज्य में मॉडल स्कूल
स्कूल सीट बच्चे
मॉडल स्कूल सोनुआ 40 19
मॉडल स्कूल मनोहरपुर 40 28
मॉडल स्कूल सुंदरपहाड़ी 40 00
मॉडल स्कूल गोड्डा 40 23
मॉडल स्कूल अमरापाड़ा 40 30
मॉडल स्कूल राजमहल 40 07
मॉडल स्कूल मांंदरो 40 17
मॉडल स्कूल बरहेट 40 20
मॉडल स्कूल बोरियो 40 11
मॉडल स्कूल अड़की 40 18
मॉडल स्कूल बगोदर 40 20
मॉडल स्कूल जरमुंडी 40 23
मॉडल स्कूल जलडेगा 40 20
बच्चों को नहीं मिलती किताब
मॉडल स्कूल के बच्चों को प्रति वर्ष किताब भी नहीं मिलती. विद्यालय में कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को सरकार की ओर से नि:शुल्क किताब देने का प्रावधान है. अब तक एक-दो वर्ष को छोड़ दिया जाये, तो बच्चों को किताब नहीं मिली.
शैक्षणिक सत्र 2016-17 में किताब नहीं दी गयी. वर्ष 2017-18 में सत्र के अंत में किताब के लिए बच्चों को पैसा दिया गया, जबकि बाजार में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी पाठ्यक्रम पर आधारित किताब उपलब्ध ही नहीं थी. ऐसे में बच्चों को बिना किताब के ही पढ़ाई करनी पड़ी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें