रांची : झारखंड में संचालित हो रहे छह जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र गत करीब पांच वर्षों से बंद हैं. इनमें रांची (रेड क्रॉस सोसाइटी मोरहाबादी), हजारीबाग, जमशेदपुर, दुमका, धनबाद व पलामू पुनर्वास केंद्र शामिल हैं. इनके संचालन के लिए पहले केंद्र सरकार वित्तीय सहायता देती थी, पर बाद में केंद्र ने यह सहायता बंद कर […]
रांची : झारखंड में संचालित हो रहे छह जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र गत करीब पांच वर्षों से बंद हैं. इनमें रांची (रेड क्रॉस सोसाइटी मोरहाबादी), हजारीबाग, जमशेदपुर, दुमका, धनबाद व पलामू पुनर्वास केंद्र शामिल हैं. इनके संचालन के लिए पहले केंद्र सरकार वित्तीय सहायता देती थी, पर बाद में केंद्र ने यह सहायता बंद कर दी तथा पुनर्वास केंद्र भी बंद हो गये.
इधर, इनकी महत्ता को देखते हुए राज्य सरकार ने फिर से इनके संचालन का निर्णय लिया. मुख्यमंत्री ने भी इसकी घोषणा की. पर गत करीब एक वर्ष से केंद्र संचालन संबंधी फाइल सरकार के विभिन्न विभागों में घूम रही है. वहीं, केंद्र संचालन मद में किया गया दो करोड़ रुपये का प्रावधान कागजों में सिमटा है. दरअसल राज्य सरकार ने पुनर्वास केंद्रों के संचालन के लिए इस राशि का प्रावधान वित्तीय वर्ष 2017-18 में किया था.
क्या है पुनर्वास केंद्र
दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में दिव्यांग जनों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके अलावा विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने में दिव्यांगों को सहयोग व कृत्रिम अंगों की असेंबलिंग सहित दिव्यांगों के काम में आनेवाले विभिन्न उपकरणों का वितरण तथा इनकी मरम्मत का काम भी पुनर्वास केंद्र में किया जाता है.
दिव्यांग जनों को मुख्य धारा में लाने के लिए ये पुनर्वास केंद्र एक वरदान की तरह हैं. इनके संचालन से न सिर्फ संबंधित जिलों, बल्कि अासपास के जिलों के दिव्यांगों को भी लाभ होगा. उम्मीद है इस वर्ष यह काम हो जायेगा. अायोग भी अपनी अोर से इसकी कोशिश कर रहा है.
सतीश चंद्र, राज्य नि:शक्तता अायुक्त