शकील अख्तर
रांची : सरकार ने 103 एकड़ वन भूमि की हेराफेरी के आरोप में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी निर्मल कुमार टोप्पो को बर्खास्त कर दिया है. निर्मल कुमार की बर्खास्तगी के लिए दस्तावेज तैयार करने के दौरान सरकार को इस बात की जानकारी मिली कि उन्होंने वर्ष 2000 से वेतन ही नहीं लिया. इतने लंबे समय तक बगैर वेतन भत्ता के गुजर बसर का राज उनकी बर्खास्तगी के आरोपों में छिपा है.
बोकारो के उपायुक्त ने 2016 में राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज कर आरोप लगाया था कि इस अधिकारी ने चास अंचल में अपने पदस्थापन के दौरान 103 एकड़ वन भूमि की खरीद-बिक्री करायी. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने मौजा तेतुलिया, थाना नंबर 38, सेक्टर-12 के खाता नंबर 59, प्लाट नंबर 426-450 की जमीन का नामांतरण, खरीद-बिक्री और दाखिल-खारिज की.
उपायुक्त की रिपोर्ट पर निर्मल कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू हुई. आरोप प्रमाणित हुआ. मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इस अधिकारी को बर्खास्तगी का दंड देने का फैसला किया. इसके बाद राज्य लोक सेवा आयोग और कैबिनेट की सहमति के बाद निर्मल कुमार टोप्पो को बर्खास्त कर दिया गया.
तीन साल तक वेतन नहीं लिया था देवनिश किड़ो ने
देवनिश किड़ो ने रांची में एसएआर पदाधिकारी के पद पर काम करने के दौरान तीन साल तक खाते से वेतन का एक भी पैसा नहीं निकाला था. आयकर की छापेमारी में इसका खुलासा हुआ था. इसी अवधि में उन्होंने अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम करीब 30 लाख का बीमा खरीदा. आमदनी से दो करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति होने की बात स्वीकार की. निगरानी ने मामले की जांच के बाद इस अधिकारी पर आमदनी से 100 प्रतिशत अधिक की संपत्ति अर्जित करने के साक्ष्य जुटाये और कोर्ट में चार्जशीट दायर किया. देवनिश किड़ो फिलहाल न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं. सरकार ने मई 2017 में निलंबन मुक्त कर दिया था. फिलहाल बोकारो में जिला पंचायती राज पदाधिकारी हैं.