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Jharkhand : मुख्यमंत्री लघु कुटीर उद्योग बोर्ड में दो कम्प्यूटर ऑपरेटर्स के वेतन 2-2 लाख रुपये
II सुनील चौधरी II रांची : मुख्यमंत्री लघु कुटीर उद्योग बोर्ड में दो-दो लाख रुपये के वेतन पर दो कंप्यूटर ऑपरेटर कार्यरत थे. दोनों ऑपरेटर बोर्ड की पूर्व सीइओ रेणु गोपीनाथ पेनिक्कर की ओर से बनायी गयी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू ) में कार्यरत थे. रेणु गोपीनाथ को बोर्ड से हटाये जाने के बाद इसका […]
II सुनील चौधरी II
रांची : मुख्यमंत्री लघु कुटीर उद्योग बोर्ड में दो-दो लाख रुपये के वेतन पर दो कंप्यूटर ऑपरेटर कार्यरत थे. दोनों ऑपरेटर बोर्ड की पूर्व सीइओ रेणु गोपीनाथ पेनिक्कर की ओर से बनायी गयी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू ) में कार्यरत थे.
रेणु गोपीनाथ को बोर्ड से हटाये जाने के बाद इसका खुलासा हुआ. मामले के पकड़ में आने के बाद ‘डूजीडू’ नाम की कंपनी अपने दोनों ऑपरेटरों के साथ भाग गयी. अब बोर्ड ने दोनों कंप्यूटर ऑपरेटर देनेवाली कंपनी के खिलाफ 12 लाख रुपये की वसूली का नोटिस भेजा है.
बोर्ड बनते ही बना दिया सीइओ: मुख्यमंत्री लघु उद्योग कुटीर बोर्ड का गठन लाह, तसर, हस्तशिल्प व कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. बोर्ड के गठन के बाद रेणु गोपीनाथ को इसका सीइओ नियुक्त किया गया. रेणु गोपीनाथ ने एक साथ झारक्राफ्ट और कुटीर उद्योग बोर्ड दोनों के ही सीइओ के रूप में काम करना शुरू किया.
कामकाज शुरू करने के बाद उन्होंने लघु उद्योग कुटीर बोर्ड के कामकाज के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) की जरूरत बतायी. बोर्ड की बैठक में इसे पारित भी करा लिया. इसके बाद बिना निविदा के ही अपनी मर्जी से केरल की ‘डूजीडू’नामक कंपनी को पीएमयू का काम सौंप दिया.
बोर्ड ने कंपनी को प्रति माह चार लाख रुपये का भुगतान करने का फैसला किया. डूजीडू के साथ किये गये एकरारनामे के तहत उसे पीएमयू में कुल पांच लोगों को रखना था. पर उसने सिर्फ दो कंप्यूटर ऑपरेटर रख कर बोर्ड से चार लाख रुपये प्रति माह की दर से भुगतान लेना शुरू किया.
नये सीइओ ने भेजा नोटिस : मामला प्रकाश में आने के बाद सरकार ने रेणु गोपीनाथ को बोर्ड के सीइओ के पद से हटा दिया. इसके बाद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अजय कुमार सिंह को बोर्ड के सीइओ का कार्यभार सौंपा गया.
नये सीइओ ने कार्यभार संभालने के बाद पीएमयू का काम करनेवाली कंपनी डूजीडू को नोटिस भेज कर उससे जानना चाहा कि एकरारनामे की शर्तों का उल्लंघन कर विभिन्न स्तर के पांच लोगों के बदले सिर्फ दो कंप्यूटर ऑपरेटर क्यों रखे. दोनों के लिए चार लाख रुपये प्रति माह की दर से भुगतान क्यों लिया. नोटिस जारी होने के बाद डूजीडू नामक कंपनी अपने दोनों ऑपरेटरों के साथ भाग गयी. इसके बाद बोर्ड ने 12 लाख रुपये की वसूली के लिए उसे नोटिस भेजा है.
झारक्राफ्ट मामले में की गयी एक और कार्रवाई, हटाये गये डीजीएम
झारक्राफ्ट में कंबल घोटाला उजागर होने के बाद एमडी मंजूनाथ भजंत्री द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. पूर्व में दो लोगों साकेत कुमार व अभिलाषा को हटा दिया गया था. वहीं सीइओ रेणु गोपीनाथ पेनिक्कर ने इस्तीफा दे दिय था.
अब झारक्राफ्ट के डीजीएम (मार्केटिंग) अश्विनी सहाय को उनके पद से हटा कर झारक्राफ्ट के मेन रोड स्थित मेगा शो रूम में स्टोर इंचार्ज बना दिया गया है. बताया गया कि एमडी को उनके खिलाफ भी शिकायतें मिल रही थी. इसके बाद उनका तबादला कर दिया गया.
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