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रांची : पहले बिल्डर का मोबाइल बंद कराया, नकली चेक व फर्जी हस्ताक्षर से निकाला 8.5 लाख

पीड़ित पक्ष ने लोअर बाजार थाने में दर्ज कराया मामला रांची : बैंक फ्रॉड का मामला आये दिन सामने आते रहता है. ताजा मामला रांची के मेन रोड स्थित आइडीबीआइ बैंक से जुड़ा है. इस बैंक में न्यू नगड़ा टोली निवासी बिल्डर आनंद कुमार (शांति कंस्ट्रक्शन) का खाता संख्या 063102000023588 है. इस खाते से नकली […]

पीड़ित पक्ष ने लोअर बाजार थाने में दर्ज कराया मामला
रांची : बैंक फ्रॉड का मामला आये दिन सामने आते रहता है. ताजा मामला रांची के मेन रोड स्थित आइडीबीआइ बैंक से जुड़ा है. इस बैंक में न्यू नगड़ा टोली निवासी बिल्डर आनंद कुमार (शांति कंस्ट्रक्शन) का खाता संख्या 063102000023588 है. इस खाते से नकली चेक व आनंद कुमार के फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर बबलू कुजूर के एसबीआइ के अपर बाजार स्थित शाखा के खाता संख्या 20446552161 में 8.5 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिये ट्रांसफर करा दिया गया. इस मामले में आनंद कुमार ने 14 अप्रैल को लोअर बाजार थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. लेकिन अब तक उन्हें पैसा वापस नहीं मिला.
इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि फ्रॉड से पहले आनंद कुमार के फर्जी हस्ताक्षर से आवेदन देकर उनके मोबाइल नंबर 9835134271 काे बैंक में 13 अप्रैल को चेंज कराकर 6200559651 करा दिया गया. फिर उनका मोबाइल नंबर 9835134271 का इनकमिंग कॉल भी बंद करा दिया. इसके लिए एयरटेल कंपनी को आनंद के नाम से आवेदन दिया गया कि उनका मोबाइल खो गया है इसलिए उसे बंद कर दिया जाये. फिर नकली चेक व आनंद का फर्जी हस्ताक्षर कर बबलू कुजूर के एसबीआइ के अपर बाजार स्थित शाखा के खाता संख्या 20446552161 में 8.5 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिये ट्रांसफर करा दिया गया. जबकि आइडीबीआइ बैंक से इश्यू किया गया चेक आनंद के पास था.
शंका होने पर बैंक को फोन किया तब चला पता
आनंद ने मोबाइल में इनकमिंग कॉल और एसएमएस सेवा बंद होने के बाद शंका होने पर जब आइडीबीआइ बैंक में फोन कर खाते की जानकारी ली, तो उन्हें बैंक से बताया गया कि उनके एकाउंट से आरटीजीएस से 8.5 लाख रुपये एसबीआइ के अपर बाजार स्थित शाखा में ट्रांसफर हुआ है.
उन्होंने बैंक पहुंचकर देखा कि जो चेक संख्या का इस्तेमाल इस फर्जीवाड़े में किया गया है वह चेक (1620 रुपये) उन्होंने रजत गड़ोदिया एंड कंपनी को 20 अक्टूबर 2017 को दिया था. लेकिन पैसा कम होने की वजह से वह चेक उन्हें कंपनी की ओर से लौटा दिया गया था. इस चेक को उन्होंने नष्ट कर दिया था. फिर बाद में दूसरा चेक 1820 रुपये का दिया था. जिस चेक का इस्तेमाल पैसा निकालने में किया गया है, वह देखने से ही नकली प्रतीत होता है. ऐसे में बैंक की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होता है. मामले में आनंद कुमार ने कहा कि वह अपना पैसे वापसी के लिए बैंक का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मामले में बैंक से संपर्क की कोशिश की गयी, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.

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