रांची : ग्रामीण सड़क की योजनाएं लटकानेवाले ठेकेदारों पर सख्ती का भी असर नहीं पड़ा है. ठेकेदारों को डिबार किया गया, फिर भी अधिकतर सड़कें नहीं बनीं. इनमें से कुछ योजनाएं तो 10 वर्षों से लटकी हुई हैं. यानी वर्ष 2008 में ठेकेदारों को काम आवंटित हुआ था, पर आज भी योजनाएं पूरी नहीं हुई हैं. अधिकतर ठेकेदार आज भी डिबार हैं. 8-10 ठेकेदारों ने योजनाएं पूरी की और डिबार सूची से हटे.
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काम नहीं करने पर किया डिबार, फिर भी नहीं बनी सड़क
रांची : ग्रामीण सड़क की योजनाएं लटकानेवाले ठेकेदारों पर सख्ती का भी असर नहीं पड़ा है. ठेकेदारों को डिबार किया गया, फिर भी अधिकतर सड़कें नहीं बनीं. इनमें से कुछ योजनाएं तो 10 वर्षों से लटकी हुई हैं. यानी वर्ष 2008 में ठेकेदारों को काम आवंटित हुआ था, पर आज भी योजनाएं पूरी नहीं हुई […]
क्या है मामला :
जानकारी के मुताबिक ग्रामीण सड़क खास कर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वर्ष 2008-09 से लेकर कई वर्षों तक समय-समय पर ठेकेदारों को काम आवंटित किये गये. एक-एक ठेकेदारों को कई काम दिये गये. शुरू में तो कई योजनाएं समय से पूरी हुईं, लेकिन बाद में योजनाएं लटकने लगी. समय सीमा गुजर जाने के बाद विभाग ने इसे गंभीरता से लिया. ठेकेदारोंं को काम पूरा करने के लिए चेतावनी तक दी गयी. समीक्षा में पाया गया कि 200 से ज्यादा योजनाएं फंसी हुई हैं. ऐसे में विभाग ने इसके ठेकेदारों को डिबार किया. डिबार आदेश समय-समय पर जारी किया गया. यानी करीब 200 ठेकेदार डिबार किये गये. उन्हें हिदायत दी गयी कि वे इस काम को पूरा करेंगे, तभी दूसरा काम मिलेगा. इसके बाद भी काम पूरा नहीं हुआ. नतीजा यह हुआ कि कई योजनाएं आज भी लटकी हुई हैं.
लाइसेंस बनवा कर कर रहे काम: वर्षों से डिबार होने की स्थिति में कई ठेकेदार काम से वंचित थे. ऐसे में उन्होंने दूसरे के नाम से रजिस्ट्रेशन करा लिया. इस तरह वे इस विभाग के साथ ही दूसरे विभागों में भी काम ले रहे हैं. केवल पेडिंग काम पर कुछ नहीं हो रहा है.
उग्रवाद बना बड़ा कारण : बताया जा रहा है कि जो योजनाअों फंसी हुई हैं, उनमें से अधिकतर उग्रवाद प्रभावित इलाकों की है. इनमें से कुछ योजनाएं तो उग्रवादियों के हमले की वजह से रुकी हुई हैं. जानकारी के मुताबिक ठेकेदारों ने प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद काम ही शुरू नहीं किया. वहीं कुछ योजनाएं धमकी की वजह से फंसी रहीं. विभाग ने अधूरी योजनाअों को पूरा कराने का फैसला लिया था. इसके लिए नये सिरे से कार्रवाई करने की बात की गयी थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका.
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